बुंदेलखंड की गर्मी झुलसाने लगी है, इसका सबसे ज्यादा असर पेड़-पौधों और पक्षियों पर पड़ रहा है। झांसी के कुछ महिला संगठनों ने पेड़-पौधों के साथ पक्षियों की रक्षा का अभियान चला रखा है। इस अभियान के तहत जगह-जगह पेड़ों पर संदेश लिखे गए हैं, 'मुझे मत काटो', तो दूसरी ओर दाना-पानी के डिब्बे लगे हैं जो पक्षियों को गर्मी में राहत दे रहे हैं।गर्मी के मौसम में राहगीरों को सबसे ज्यादा राहत पेड़ की छांव देती है, जिसे देखते हुए समाजसेवी संस्था जूनियर चैंबर इंटरनेशनल (जेसीआई) झांसी की गूंज इकाई ने पेड़ों पर जागरूकता संदेश लिखने का अभियान चलाया है। चार्टर अध्यक्ष रेखा राठौर और पूर्व अध्यक्ष योगिता अग्रवाल ने बताया कि बीकेडी चौराहे से रेल्वे स्टेशन तक हर पेड़ पर जागरूकता संबंधी संदेश लिखे गए हैं।पेड़ों पर लिखे संदेश 'पेड़ हमारे जीवन का एक अनमोल हिस्सा है', 'मुझे मत काटो' बरबस सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लेते हैं। गूंज की अध्यक्ष दिव्या, सचिव निशु जैन, सदस्य डॉ. ममता दासानी इस अभियान में सक्रिय हैं।
वहीं, महिलाओं के एक अन्य संगठन कोहिनूर ऑलवेज ब्राइट ने परिंदों के लिए 'दाना-पानी' की मुहिम चला रखी है। संगठन की अध्यक्षा वैशाली पुंशी के अनुसार, घर के पुराने डिब्बों में दाना और पानी रखकर उन्हें जगह-जगह लटकाया जा रहा है, जिससे परिंदों को दाना और पानी आसानी से मिल सके। सचिव फाबिहा खान ने बताया कि घर की बालकनी से लेकर पेड़ के डगारों पर इन डिब्बों को टांगा जा रहा है। इनमें दाना और पानी होता है। गर्मी में परिंदों के लिए सबसे बड़ी समस्या पानी की होती है। यहां आपको बताते चलें कि बुंदेलखंड में तापमान अधिकांश हिस्सों में अभी से 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। वहीं जल संकट ने आम इंसान की जिंदगी को मुसीबत में डाल रखा है। ऐसे में पेड़ और परिंदों का बुरा हाल होने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। महिला संगठनों की यह पहल पेड़ और परिंदों दोनों के लिए लाभकारी साबित होने की संभावना है।