गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार द्वारा उनकी फसल की उचित कीमत, लोकपाल की नियुक्ति और चुनाव प्रक्रिया में सुधार की मांगों के लिए छह महीने का समय मांगने के बाद गुरुवार को अपना बेमियादी अनशन खत्म कर दिया। हजारे ने कहा, "सरकार फसल की कीमतों की मांगों और केंद्र में लोकायुक्त तथा राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांगों के मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही करने पर राजी हो गई है।"हजारे ने कहा कि उन्हें नए चुनाव सुधार और देश में कृषि संकट के मुद्दे पर एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के संबंध में आश्वासन दिया गया है।उन्होंने कहा, "सरकार जनता के लिए बनी है और उसकी जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी जनता के लिए सर्वश्रेष्ठ करे।"महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र शेखावत ने गुरुवार शाम अन्ना हजारे से मुलाकात कर केंद्र सरकार द्वारा उनकी मागें स्वीकार कर लिए जाने की सूचना दी।बीते शुक्रवार, 23 मार्च को अन्ना हजारे सशक्त लोकपाल व किसानों को फसलों के वाजिब दाम देने सहित अपनी मांगों को लेकर रामलीला मैदान में कई राज्यों से आए किसानों के साथ उपवास पर बैठे थे। इससे पहले उन्होंने साल 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था, जिसे देशव्यापी समर्थन मिला था और आम आदमी पार्टी ने जन्म लिया था।