मंत्री मंडल द्वारा गमाडा के जरिए ऐयरोसिटी विस्तार के लिए 45सौ एकड़ लैंड बैंक तैयार करने के लिए लैंड पॉलिसी 2013 में सोध करने की प्रवानगी दी गई। जिस का किसानों द्वारा तीखा विरोध किया गया। इस संबंधी आज पीडि़त किसानों द्वारा मोहाली प्रैस क्लब में की प्रैस कॉन्फ्रैंस के दौरान किसान हित बचाओ कमेटी के मैंबरों ने कहा कि गमाडा द्वारा पहले अलग-अलग अवार्डों के तहत बनते व्यापारिक व रिहायशी रकबे की अलॉटमेंट ना करने के कारण किसानों को आहत होना पड़ा है पर ऐसे फैसलों को लागू करने से पहले इस क्षेत्र के किसानों द्वारा गठित की कमेटियों के साथ हमदर्दी पूर्वक विवार विमर्श करके जमीन ग्रहण करने के लिए विचार करना बनता था क्योंकि लैंड पुलिंग के बारे में मंत्री मंडल द्वारा फैसले किसानों के हितों के लिए तो ले लिए जाते हैं पर गमाडा द्वारा इसको लागू करते समय अपनी घिनौनी हरकतां के कारण मंत्री परिषद के फैसले को नजद अंजाम करते किसानों के बनते हिस्से 1210 वर्ग गज के रकबे को घटाकर अवार्ड नंबर 508, 518, 527 आदि के तहत धोखाधड़ी करता आ रहा है।गमाडा द्वारा पहले ऐयरोसिटी व आईटी सिटी के लिए वर्ष 2010 व 2011 के दौरान एकवॉयर की जमीन के बदले लैंड पुलिंग पंजाब कैबनिट कमेटी की 21 अगस्त 2008 को हुई मीटिंग में लिए फैसलों के आधार पर पंजाब सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन नंबर 7158 को नजर अंदजा किया गया। जिस अनुसार बनते रकबे की लैंड पुलिंग देने के बारे में आनाकानी करके जिमीदारों के साथ घोर अन्याय किया गया। गमाडा द्वार ऐयरोसिटी व आईटी सिटी के लिए एक्वॉयर हुई जमीन के मालिकों को कैबिनेट कमेटी के फैसले अनुसार लैंड पुलिंग देने के बारे में पहले कार्रवाई की जाउए ना कि गमाडा द्वारा अपने हित अनुसार तोड़-मरोड़ कर दी जाए, ताकि किसानों में इंसाफ के बारे में विश्वास पैसा हो सके। दूसरी तरफ जो किसान लैंड पुलिंग नहीं लेना चाहता उनको नगद मुआवजा देना यकीनी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की मर्जी होनी चाहिए कि लैंड पुलिंग का नगद अवार्ड लेना है या नहीं।
उन्होंने कहा कि गमाडा द्वारा एक्वॉयर की गई जमीन का बनता मुआवजा लैंड पुलिंग व और बनता लाभ देने के लिए किसानों द्वारा संगठित की किसान कमेटी के साथ सलाह मश्वरा करके सहमति लेने उपरांत कार्रवाई तो करने को कहा जा रहा है परंतु कुलेक्टर द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि किसान कमेटी को गमाडा द्वारा जमीन की प्राप्ती के लिए गठित कमेटी में मैबरों द्वारा नियुक्त करने को यकीनी बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि गमाडा द्वारा दावा किया जा रहा हे 70 फीसदी किसान हमारे साथ लैंड पुलिंग लेने के लिए सहमत है जोकि सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि किसान तो इस पॉलिसी से बिल्कुल ही अंजान है। गमाडा आफिसरों द्वारा बंद कमरे में ही पॉलिसी तैयार करके किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। किसानों द्वारा सरकार को आखिरी चेतावनी दी गई है कि अगर उनकी मांगे ना मानी गई तो उनके द्वारा तीखा संघर्ष किया जाएगा।इस मौके अन्य के अलावा गांव कुरड़ी से कुलविंदर सिंह, सुरजीत सिंह, मलकीत सिंह, सुखजिंदर सिंह, गुरबचन सिंह नंबरदार, गुरनाम सिंह, गुरजंट सिंह ढिल्लों, गुरजीत सिंह, शिंगारा सिंह, भाग सिंह, सरपंच छज्जा सिंह व पूर्व सरपंच स्वर्ण सिंह सहित अलग-अलग गांवों के किसान हाजिर थे।