पंजाब विधानसभा ने आज मुंख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का श्री दरबार साहिब में लंगर पर जीएसटी में से राज्य का 50 प्रतिशत हिस्सा माफ करने पर धन्यवाद करने हेतु सर्वसम्मती से प्रस्ताव पारित किया।यह प्रस्ताव संसदीय मामलों के मंत्री श्री बह्म मोहिंदरा द्वारा डेरा बाबा नानक से विधायक श्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के सुझाव देने के बाद पेश किया गया था।सदन में संबोधन करते हुए श्री रंधावा ने विश्वभर के पंजाबीयों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह का धन्यवाद करते हुए इस पवित्र और गंभीर मुद्दे को महत्वहीन बनाने के लिए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेतली की निंदा की।रंधावा ने जेतली के बयान को सिख समुदाय के लिए अप्रतिष्ठित बताया जिसमें जेतली ने कहा था कि श्री दरबार साहिब में लंगर की सामग्रीयों पर जीएसटी माफी स्वीकार करने से अन्य धार्मिक स्थानों द्वारा निर्माण वस्तुओं पर जीएसटी माफ करने की मांग की जाएगी।उन्होंने कहा कि अकालियों को केन्द्र सरकार द्वारा लंगर पर जीएसटी लगाने के निर्णय के विरूद्ध कड़ा विरोध करना चाहिए था क्योंकि उनके सहयोगी दल बीजेपी का जीएसटी परिषद् में बहुमत है। उन्होंने कहा कि उनको केन्द्र सरकार को यह कर वापिस लेने के लिए बाध्य करना चाहिए था।रंधावा ने पंजाब सरकार द्वारा लिए गये इस निर्णय का श्रेय लेने का प्रयास करने के लिए आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस मामले में आम आदमी पार्टी की कोई भी भूमिका नहीं है और वास्तव में यह पार्टी पंजाबीयों का पूरी तरह से विश्वास खो चुकी है।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को श्री दरबार साहिब, श्री दुर्गियाना मंदिर और भगवान वाल्मिकि तीर्थ स्थल के लंगरों/प्रसाद पर जीएसटी में अपना 50 प्रतिशत हिस्सा माफ करने की घोषणा की थी। इसी दौरान विधानसभा ने इन वस्तुओं पर पूर्ण रूप से जीएसटी माफ करने के लिए केन्द्र पर दबाव बनाने हेतु सर्वसम्मती से एक प्रस्ताव पारित किया था।