विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा के साथ केन्द्रीय संसदीय मामले मंत्री अन्नत कुमार से मुलाकात की। उन्होंने धर्मशाला के तपोवन में राष्ट्रीय ई-विधानसभा की स्थापना के लिए मंजूरी प्रदान करने का आग्रह किया, जो ई-विधान के सफल क्रियान्वयन के लिए अनिवार्य है।उन्होंने कहा कि अकादमी देशभर के सांसदों, विधायकों तथा अधिकारियों को उनके सम्बन्धित क्षेत्रों में ई-विधानसभा की प्रक्रिया को समझने तथा इसे अपनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने और सेमीनार आयोजित करने की सुविधा प्रदान करेगी।उन्होंने मंत्री को अवगत करवाया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा 4 अगस्त, 2014 को ई-विधानसभा प्रणाली लागू करने वाली देश की पहली हाईटैक पेपरलैस विधानसभा है।विस अध्यक्ष ने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा की ई-विधान परियोजना (पेपरलैस विधानसभा) की कार्यप्रणाली के अध्ययन तथा संसदीय व अन्य विधानपालिकाओं में इसकी उपयुक्तता के लिए संसदीय मामलों के अधिकारियों के एक दल ने अक्तूबर, 2015 में शिमला का दौरा किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया कि ई-संसद तथा ई-विधानसभाओं के अन्तर्गत हि.प्र. विधानसभा की ई-विधान ऐप्लिकेशन को लागू किया जाए। समिति ने देश भर के सांसदों/विधायकों तथा अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने तथा सम्मेलन आयोजित करने के लिए भारत सरकार के संसदीय मामले मंत्रालय के अन्तर्गत धर्मशाला के तपोवन में राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी की स्थापना के लिए अपनी संस्तुति भी दी।उन्होंने कहा कि हि.प्र. विधानसभा ने तपोवन में राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी की स्थापना के लिए सहमति दी है, लेकिन संसदीय मामले मंत्रालय और हि.प्र. विधानसभा के मध्य एक उपयुक्त समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करने की आवश्यकता है। उन्होंने राष्ट्रीय ई-विधान अकादमी की स्थापना के लिए मंत्रालय द्वारा औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया।केन्द्रीय मंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष के आग्रह को सुना और हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।