चीन की संसद ने शनिवार को शी जिनपिंग को एक बार फिर देश का राष्ट्रपति चुन लिया जबकि उनके करीबी सहयोगी वांग किशान उपराष्ट्रपति चुने गए। शी (64) का दोबारा निर्वाचित होना एक तरह से औपचारिकता मात्र थी क्योंकि चीन के शीर्ष निकाय ने 11 मार्च को संविधान के उस नियम को खत्म कर दिया, जिसके अंतर्गत राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए दो बार का कार्यकाल ही निश्चित था। शी साल 2013 में चीन के राष्ट्रपति बने थे। उन्हें केंद्रीय सैन्य आयोग का अध्यक्ष भी दोबारा निर्वाचित किया गया। शी की तरह ही वांग की नियुक्ति भी हैरान कर देने वाली नहीं रही। वांग(69) को शी का काफी भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है और उन्होंने देश में भ्रष्टाचार रोधी अभियान की अगुवाई की है।जहां शी के पक्ष में सभी 2,970 वोट पड़े, वहीं वांग के निर्वाचन के खिलाफ मात्र एक वोट पड़ा।पिछले वर्ष, वांग को कम्युनिस्ट पार्टी के सात सदस्यीय स्थायी समिति से बाहर होना पड़ा था क्योंकि इस समिति में बने रहने की अधिकतम आयुसीमा 68 वर्ष ही है। इसके बावजूद उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद देश में उनके प्रभाव में कोई कमी नहीं आएगी। इसके अलावा ली झांशु एनपीसी के चेयरपर्सन चुने गए। ली स्थायी समिति के सदस्य हैं और शी के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी में शी के प्रभाव को बढ़ाने में मदद की है।चीनी संसद में वार्षिक सत्र चल रहा है और इस दौरान संसद में बेहतर कार्य के लिए मंत्रिमंडल में बदलाव की योजना के प्रस्ताव को स्वीकार किया गया। सरकार में बदलाव के अंतर्गत चीन के विदेश मंत्री को देश के शीर्ष राजनयिक स्टेट काउंसिलर का दर्जा दिया जा सकता है।