यहाँ अकाल कालेज मसतूआना साहिब में दूसरी तीन दिवसीय कुल हिंद गतका चैंपियनशिप 2017 -18 पर पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला काबिज़ हो गई और इस यूनिवर्सिटी ने लड़के और लड़कियों की समुची चैंपियनशिप जीत के लिए। लड़कों में से गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर को दूसरे स्थान जबकि दिल्ली यूनिवर्सिटी को तीसरा स्थान हासिल हुआ। इसी तरह लड़कियों के वर्ग में दिल्ली यूनिवर्सिटी को दूसरा और गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी को तीसरा स्थान मिला। इस राष्ट्रीय टूर्नामैंट में विभिन्न राज्यों से 11 यूनिवर्सिटियों की लड़के और लड़कियों की टीमों के करीब 250 खिलाड़ी और खिलाडिय़ों ने भाग लिया।आज आखिरी दिन हुए लड़कों के फ़ाईनल मुकाबलों दौरान गतका लाठी -फ्री (व्यक्तिगत -फऱीस्टाईल) मुकाबला चण्डीगढ़ यूनिवर्सिटी घड़ूंआं के हरजाप सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़ के मनजिन्दर सिंह को हरा कर जीता। उधर लड़कियों के वर्ग में गतका लाठी -फ्री (व्यक्तिगत -फूल स्ट्राईक) मुकाबला पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की हरपिन्दर कौर ने गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर की मनप्रीत कौर को हरा कर जीता। आज तीसरे दिन फ़ाईनल टूर्नामैंट का उद्घाटन डायरैक्टर शिक्षा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति डा. जतिन्दर सिंह सिद्धू, अकाल कौंसिल मसतूआना साहिब के सचिव जसवंत सिंह खेहरा और मीत प्रधान कैप्टन भुपिन्दर सिंह पूनिया और नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रधान हरजीत सिंह ग्रेवाल ने सांझे तौर पर किया।
उनके साथ पिंसीपल डा. ऊँकार सिंह, प्रिंसीपल डा. दर्शन कौर, डा. निरपजीत सिंह, इंटरनेशनल सिक्ख मार्शल आर्ट अकैडमी (इसमा) के सचिव ऊदय सिंह ने दिया। इस मौके पर बोलते डा. जतिन्दर सिंह सिद्धू ने कहा कि गुरू साहिबान की तरफ से बसाई यह जंगजू कला सिक्ख इतिहास की पुरातन स्वै -रक्षा की कला है जिस को बड़ी स्तर पर प्रफुल्लित करने की ज़रूरत है जिससे यह खेल देश -विदेश में बतौर खेल के तौर पर प्रफुल्लित हो सके उन्होंने नेशनल गतका एसोसिएशन और इसमा की तरफ से गत्तके की प्रफुल्लता के लिए किये जा रहे यतनों की प्रंशसा करते कहा कि स्वै -रक्षा की खेल होने के कारण हर विद्यार्थी को ख़ास कर लड़कियाँ को अपनानी चाहिए जिससे ज़रूरत पडऩे पर वह अपनी सुरक्षा आप कर सकें। इस गतका टूर्नामैंट के लिए एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (ए.आई.यू.) की तरफ से तैनात आबजऱबर हरजीत सिंह ग्रेवाल ने कहा कि गतका खेल एक विरासती कला है जो हमें वाणी, बोली और विरासत से जोडऩे में अहम भूमिका निभाती है। इस मौके पर अन्य के अलावा हरचेत सिंह चहल, खेल अथारटी आफ इंडिया संगरूर सैंटर के इंचार्ज मनजीत सिंह, गतका एसोसिएशन पंजाब के प्रधान और पंजाबी यूनिवर्सिटी के गतका प्रशिक्षक अवतार सिंह पटियाला, बी.डी.पी.ओ. बीबी बलजीत कौर, प्रो. सुखजीत सिंह, प्रो. प्रीतम सिंह, डा. निशान सिंह, इसमा के संयुक्त सचिव गुरमीत सिंह आदि उपस्थित थे। स्टेज सचिव की भूमिका सुरिदरपाल सिंह सिदकी ने निभाई।