पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज यहां डेराबस्सी में हो रहे अवैध रेत खनन के मामलो में अधिकारियों और रेत माफिया के बीच सांठ गांठ के विजिलेंस जांच के आदेश देते हुये, संबंधित विभागों को एसडीएम, डीएसपी और एसएचओ को अलग रखने के आदेश दिए हैं, जिनके विरूद्ध जांच शुरू कर दी गई है।एसडीएम परमदीप सिंह को मुख्य सचिव के कार्यालय में रिपोर्ट करने के आदेश देते हुये डीएसपी पी एस बल्ल और एसएचओ पवन कुमार को पुलिस लाईन भेज दिया गया है। यह सांठ गांठ उस समय सामने आई थी जब बीते दिनों मुख्यमंत्री ने हैलीकापटर द्वारा जालंधर जाते समय नवां शहर में हो रहे अवैध रेत खनन देखकर रेत माफिया के विरूद्ध बड़े स्तर पर सूबे में कार्यवाही करने के आदेश जारी किये थे।इस दौरान अवैध रेत खनन के विरद्ध शिकंजा कसने के निर्देश देते हुये मुख्यमंत्री ने रेत खनन वाले जिलों के डीसीज़ और एसएसपीज़ को अवैध खनन के विरूद्ध जांच का दायरा बढ़ाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जाये कि रेत खनन का असली ठेकेदार और बोलीकार कौन है और साथ ही यह भी देखा जाये कि अवैध खनन के लिए मशीनरी किसकी इस्तेमाल की जा रही है।यह आदेश मुख्यमंत्री की तरफ से 14 जिलों जहां रेत खनन होती है, के डीसीज़ और एसएसपीज़ के साथ एक उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान दिए गए। उन्होंने कहा कि ग़ैर कानूनी खनन मामलों की जांच में किसी किस्म की राजनैतिक हस्तक्षेप न माना जाये और इसमें कार्यवाही ठेकेदार और ड्राईवरों तक ही सीमित न रहे बल्कि इन खड्डों के असली मालिकों और बोलीकारों को काबू किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि सरकार की तरफ से प्रत्येक खनन वाली जगह पर प्रबंध रक्षक (गार्डीयन आफ गवर्नेंस) को तैनात करने का फ़ैसला किया गया है जिससे अवैध गतिविधियों को रोका जा सके। रेत माफिया को जड़ से उखाडऩे के लिए सरकार की वचनबद्धता को ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का उल्लंघन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और अवैध खनन करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जायेगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा खनन नीति में सभी कमियों को सरकार द्वारा जल्द दूर किया जायेगा जिससे ग़ैर कानूनी खनन के खात्मे से राज्य नये दौर में प्रवेश कर सके। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि अमन-कानून की व्यवस्था को हर हाल में बरकरार रखा जाये और उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि किसी किस्म की लापरवाही के लिए उनको जवाबदेह बनाया जायेगा।प्रवक्ता ने बताया कि मीटिंग के दौरान डिप्टी कमीशनरों और जि़ला पुलिस मुखियों ने खनन नीति में कई कमियां होने पर चिंता ज़ाहिर की जिससे राज्य में अवैध खनन को प्रोत्साहन मिलता है। अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार के नियमों के अंतर्गत भारी मशीनरी की इजाज़त तभी दी जाती है, यदि खनन वाला क्षेत्र 62.5 एकड़ से अधिक हो। उन्होंने बताया कि 12.5 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले स्थानों पर हाथों से खुदाई करनी ठेकेदारों के लिए वित्तीय पर योग्य नहीं है जिससे इन स्थानों के मालिक कानून का उल्लंघन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन विभाग को सिफऱ् बड़े खनन स्थानों की नीलामी की संभावना तलाशी जानी चाहिए जिनको उपयुक्त समझा जा सकता है।कुछ अधिकारियों ने खनन वाले कुछ स्थानों पर रेत की कमी का मुद्दा भी उठाया जिस संबंधी खनन विभाग ने स्पष्ट किया कि इस संबंधी तो बोलीकार बोली देने समय पर भी अवगत थे और आमतौर पर बाद में अवैध खनन करने के लिए ही बोली दी जाती है। मुख्य मंत्री ने विभाग को भविष्य में सिफऱ् वाजिब बोली करवाने को यकीनी बनाने के लिए कहा।
अवैध खनन के विरूद्ध कार्यवाही शुरु करने से कीमतों में वृद्धि होने संबंधी ज़ाहिर की गई शंकाओं के जवाब में मुख्य मंत्री ने कहा कि कानून का उल्लंघन किसी भी कीमत पर सहन नहीं की जायेगा, चाहे नयी खनन नीति आने तक कुछ वित्तीय कमी ही क्यों न सहन करना पड़े। मुख्य मंत्री ने सूबा भर में अवैध खनन को रोकने के लिए सभी कानूनी व्यवस्थाएं को कठोरता से अमल में लाने के आदेश दिए।मीटिंग के दौरान अधिकारियों ने खनन प्रक्रिया को मज़बूत और असरदार बनाने के लिए कुछ सुझाव भी पेश किये। इन में टिप्परों पर जी.पी.एस. स्थापित करना, खनन वाले स्थानों को बेहतर तालमेल के ज़रिये वैज्ञानिक ढंग से निशानदेही करने के अलावा वाहनों की यातायात पर नजऱ रखने के लिए सभी नाजुक स्थानों पर वाई-फाई अधारित सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित करना शामिल है।अधिकारियों ने भार तोलने वाली पर्ची का दुरुपयोग का मुद्दा भी उठाते हुए सुझाव दिया कि इन पर्ची पर खडडे से ट्रक के चलने के मौके ही विस्तार में निशानी लगा देनी चाहिए। इससे यह यकीनी बनाया जायेगा कि चालकों द्वारा खडडे में से अवैध ढंग के साथ रेत निकालने के लिए इन पर्चीयों का प्रयोग न की जाये।मीटिंग में कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, नवजोत सिंह सिद्धू और तृप्त राजिन्दर सिंह सिद्धू, मुख्य मंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, मुख्य मंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव आवास और शहरी विकास विनी महाजन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, डी.जी.पी. इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता, डायरैक्टर -कम -सचिव खनन कुमार डिप्टी कमिशनर और जि़ला पुलिस प्रमुख उपस्थित थे।