पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 स्वीडन के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी स्टीफन एडबर्ग का कहना है कि रोजर फेडरर और राफेल नडाल जैसे स्टार दशकों बाद पैदा होते हैं और जब ये दोनों दिग्गज संन्यास ले लेंगे, तब टेनिस प्रेमियों को इन जैसे खिलाड़ियों का स्तरीय खेल देखने के लिए दशकों इंतजार करना होगा। अपने करियर में 20 ग्रैंड स्लैम जीत चुके स्विस सुपरस्टार फेडरर के पूर्व कोच एडबर्ग ने मुंबई में आयोजित टाइम्स ऑफ इंडिया स्पोर्ट्स अवार्डस समारोह के दौरान आईएएनएस को फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा कि आने वाले कुछ समय में दुनिया कोर्ट पर फेडरर और नडाल के बीच की प्रतिद्वंद्विता को 'मिस' करेगी।एडबर्ग ने कहा, "उनके जैसे खिलाड़ी दशकों में एक बार पैदा होते हैं। इन्हें खेलते हुए देखना संयोग है और जब ये संन्यास ले लेंगे, तब दुनिया इनके खेल और इनके बीच सालों चली प्रतिद्वंद्विता को याद करेगी। बात केवल खेल का नहीं है। फेडरर और नडाल ने अपने शानदार करियर में जो प्रतिष्ठा और लोकप्रियता हासिल की है, वह सभी को नहीं मिलती।"एक इंटरव्यू के दौरान एडबर्ग ने कहा था कि फेडरर पिछले दशक की तुलना में अब बेहतर खिलाड़ी हैं, लेकिन उनकी तेजी अभी वैसी नहीं है।फेडरर के मौजूदा खेल को लेकर एडबर्ग ने कहा, "सबसे खास बात यह है कि अब उनके खेल में काफी सुधार देखने को मिल रहा है और हर बीतते दिन के साथ उनका खेल और भी बेहतर होता जा रहा है। पिछले कुछ वर्षो पर नजर डाली जाए, तो उनका खेल उतना बेहतर नहीं था, जितना आज है।
इंजुरी से उबरकर जिस प्रकार उन्होंने तीन ग्रैंड स्लैम जीते वह शानदार है। इस जीत को बयां कर पाना मुश्किल है।"अपने करियर में छह एकल ग्रैंड स्लैम जीत चुके एडबर्ग ने कहा कि इंजुरी से उबरने से लौटने के बाद फेडरर का बैक हैंड पर काफी आत्मविश्वास आया है। वह इस उम्र में भी स्वयं को प्रेरित करते रहते हैं और यही कारण है कि वह लगातार ट्रॉफियां जीत रहे हैं। एडबर्ग ने फेडरर द्वारा अपने करियर की 97वीं ट्रॉफी जीतने पर खुशी जाहिर की।एडबर्ग ने अपने करियर में कई ग्रैंड स्लैम जीते हैं, लेकिन फ्रेंच ओपन का खिताब नहीं जीत पाए। फेडरर ने भी एक फ्रेंच ओपन जीता है। ऐसे में इस टूर्नामेंट को जीत पाना अधिक मुश्किल है? इस बारे में एडबर्ग ने कहा, "हा, इसमें खेल पाना मुश्किल है। हालांकि, यह आपके खेल पर निर्भर करता है। नडाल का अधिकतर मैच क्ले कोर्ट वाला है। मेरा क्ले कोर्ट वाला खेल नहीं रहा है। फेडरर ने इस टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन उन्हें इसमें अधिकतर बार नडाल का सामना किया है, जो फ्रेंच ओपन इतिहास के बेहतरीन मैचों में से एक होते थे।उन्होंने कहा, "क्ले कोर्ट में टॉप स्पिन काफी काम आता है, जिसमें नडाल माहिर हैं।"एडबर्ग ने अपने करियर में एकल वर्ग में छह ग्रैंड स्लैम और युगल वर्ग में तीन ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं।
इसके अलावा, वह स्वीडन के साथ चार बार डेविस कप खिताब भी जीत चुके हैं। सियोल में 1988 में आयोजित हुए ओलम्पिक खेलों में एडबर्ग ने एकल और युगल दोनों वर्गो में कांस्य पदक जीता था। 2014-15 तक एडबर्ग स्विट्जरलैंड के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर के कोच भी रह चुके हैं।क्या फेडरर जैसे खिलाड़ी को प्रशिक्षित करना मुश्किल है? इस पर एडबर्ग ने कहा, "यह मुश्किल नहीं है, क्योंकि वह बहुत अच्छे इंसान हैं और टेनिस के खेल के महारथी हैं। उनके जैसे शानदार खिलाड़ी का कोच बनना मुश्किल नहीं। लोग उनको कोर्ट पर खेलते हुए देखते हैं और उनके लिए यह ऐतिहासिक क्षण होता है। प्रशिक्षण के वह दौरान काफी बेहतरीन टेनिस खेलते हैं और वहां पर एक कोच के तौर पर उन्हें खेलते हुए देखना यादगार होता है।"स्विस स्टार स्टान वावरिंका, क्रोएशिया के मारिन सिलिक जैसे खिलाड़ी प्रतिभा सम्पन्न होने और शानदार खेल रहे होने के बाद भी नडाल और फेडरर की लीग में शामिल नहीं हैं। ऐसे में अन्य खिलाड़ियों और इन दोनों के बीच के अंतर के बारे में एडबर्ग ने कहा, "ये सभी बेहतरीन खिलाड़ी हैं और उन्होंने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। इनमें और फेडरर तथा नडाल में बहुत कम अंतर है। ये दोनों सभी खिलाड़ियों से थोड़े अधिक बेहतर हैं। आज से पांच साल बाद ये दोनों खिलाड़ी नहीं खेलेंगे और उस समय टेनिस के लिए यह चीजें अलग होंगी, क्योंकि टेनिस एक साइकिल में चलता है।"