स्वास्थ्य, कल्याण और पौष्टिक-औषधीय पदार्थों (न्यूट्रास्युटिकल) के रिटेलर के रूप में वैश्विक विशेषज्ञता प्राप्त अमेरिकी कंपनी जीएनसी (जनरल न्यूट्रीशन सेंटर) भारत में अपनी उपस्थिति को गार्डियन हेल्थकेयर के साथ सहयोग से मजबूती दे रही है। गार्डियन हेल्थ केयर, भारत में जीएनएसी उत्पादों की आधिकारिक आयातक और विक्रेता है। वैश्विक रूप से जीएनसी एक मल्टी-मिलियन ब्रांड है, 50 देशों में इसकी फ्रैंचाइजी संचालित होती है, 9000 स्थानों पर इसकी मौजूदगी है।भारत में गार्डियन हेल्थकेयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड एक्सक्लूसिव विपणन और विक्रय अधिकारों के साथ जीएनसी के लिए एकमात्र पुर्नविक्रेता है। गार्डियन के संस्थापक और स्वास्थ्य देखभाल में दो दशकों से अधिक अवधि का अनुभव रखने वाले आशुतोष तापडिया भारतीय न्यूट्रास्युटिकल बाजार में नेतृत्व की स्थिति पर पहुंचने का सपना रखते हैं। जीएनसी के उत्पाद अब न केवल ई-कॉमर्स पोर्टल पर बल्कि गार्डियन हेल्थकेयर और अन्य फार्मा आउटलेट के रिटेल आउटलेट्स पर उपलब्ध हैं। वर्ष 2020 तक जीएनसी के उत्पाद सभी मेट्रो और टियर-1 शहरों के 4000 स्टोर्स पर उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। प्रोटीन, विटामिन और पूरक पदार्थों की एक व्यापक श्रेणी के साथ जीएनसी, फार्मास्यूटिकल स्टोर, मॉर्डन ट्रेड और न्यूट्रिशन स्टोर्स पर छा जाने के प्रयास में हैं। जीएनसी इंडिया ने बुधवार को 'रुफिलिंगदगैप्स' नामक एक नए स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया।भागमभाग भरी व्यस्त जीवनशैली के चलते उपभोक्ता अक्सर उन आवश्यक पोषण तत्वों को हासिल करने से चूक जाते हैं जो उनके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। खासकर शाकाहारियों के लिए अपने भोजन के माध्यम से आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करना मुश्किल होता जा रहा है।
मुख्य तौर काबोर्हाइड्रेट, वसा और प्रोटीन मुख्य पोषक तत्व होते हैं, जिन्हें अपनी ऊर्जा की जरूरत के आधार पर लिया जाना चाहिए और आमतौर पर लोग पर्याप्त मात्रा में इनका सेवन नहीं कर पा रहे हैं। स्वास्थ्य से जुड़े इन मुद्दों को संबोधित करने के साथ-साथ इस अभियान का लक्ष्य लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में आए पोषण तत्वों के अंतराल को दूर करना है। इसके अलावा स्वस्थ जीवन का नेतृत्व करने के लिए इस अंतराल को भरने के महत्व और सही समाधान को उजागर करना है।वैज्ञानिक रूप से सत्यापित तथ्यों के आधार पर इस अभियान का लक्ष्य रोजाना की जरूरतों और आहार में प्रोटीन, विटामिन, ओमेगा 3 व प्रोबायोटिक्स की समुचित मात्रा को शुमार करवाने का है।जीएनसी ने विभिन्न क्षेत्रों की ख्यातनाम हस्तियों के साथ पैनल डिस्कशन के साथ इस अभियान को लॉन्च किया, इस पैनल में अंडर-19 क्रिकेट सनसनी मंजोत कालरा, अपोलो अस्पताल की प्रमुख आहार विशेषज्ञ अनीता और काडोर्वैस्कुलर सर्जरी में अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मुकेश गोयल सहित जीएनसी इंडिया के सीईओ शादाब खान शामिल थे।पैनल ने आधुनिक दौर और उम्र के आधार पर नियमित भोजन के अलावा अतिरिक्त पोषण तत्वों की आवश्यकता के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने आधुनिक दौर में पैदा हो रही उन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी इंगित किया जो कि व्यस्त और नीरस जीवन शैली, पोषण तत्वों की कमी वाली अस्वास्थ्यकर आहार आदतों जैसे कारकों के चलते हो रही हैं।
इस अवसर पर जीएनसी इंडिया के सीईओ शादाब खान ने कहा, "आज की भागदौड भरी जिंदगी में भारतीय उपभोक्ताओं के लिए नियमित तौर पर संतुलित आहार लेना बहुत मुश्किल है। इस कारण से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और लोग जरूरी पोषक तत्व नहीं ले पाते। इसीलिए 'रुफिलिंगदगैप्स' अभियान की शुरूआत की गई, ताकि लोगों को समुचित पोषण के बारे में शिक्षित और जागरूक किया जा सके और उन्हें इसकी अहमियत बताई जा सके।"शादाब ने कहा कि जीएनसी अपने उत्पादों के माध्यम से उस अंतराल को भरने का भरोसा कायम करता है जो रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों के आहार में पोषण तत्वों की कमी से पैदा होता है। हालांकि, न्यूट्रास्युटिकल की अवधारणा भारत में एक प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन यह देख कर खुशी होती है कि अब लोग पोषण का महत्व समझने लगे हैं और अपने दैनिक आहार में पोषण की कमी को भरने का इरादा रखते हैं। शादाब के मुताबिक भारतीय न्यूट्रास्युटिकल बाजार के 21 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है और वर्ष 2022 तक इसका बाजार आज के 4 अरब यूएस डॉलर की तुलना में 10 अरब यूएस डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। उपभोक्ताओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने वाले मददगार के रूप में जीएनसी हेल्थ, वैलनेस और परफॉर्मेंस प्रोडक्ट्स के महत्वपूर्ण वर्गीकरण की पेशकश करते हुए करके इस विकास को बढ़ावा देने में हाथ बंटाने के लिए तत्पर है।