कांग्रेस ने शुक्रवार को फरार आभूषण कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पर आरोप लगाया कि इन्होंने ना सिर्फ भारतीय बैंकों को 21,306 करोड़ रुपये का चूना लगाया, बल्कि आमलोगों से भी आभूषण में निवेश की स्कीम के नाम पर 5.000 करोड़ रुपये ठग लिए। पार्टी ने नरेंद्र मोदी से यह भी सवाल किया कि प्रधानमंत्री अब अपने 'मेहुल भाई' और उसके भांजे नीरव से अपने संबंध को स्वीकार करने में क्यों शर्मा रहे हैं।कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, "आरोपियों से मिलीभगत रखनेवाली मोदी सरकार ने सार्वजनिक रूप से 5000 करोड़ रुपये की लूट को मानने से इनकार कर दिया है और आम आदमी को ठगा है- एक 'जन धन लूट।"'पार्टी ने आरोप लगाया है कि गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने तीन आभूषण निवेश योजनाएं- शगुन, स्वर्ण मंगल लाभ (एसएमएल) और स्वर्ण मंगल कलश (एसएमके) शुरू की थी, जिसके तहत आम आदमी को आभूषण खरीदने के लिए 11 महीनों तक एक निश्चित रकम का भुगतान करना था।
उन्होंने कहा, "बदले में, गीतांजलि समूह ने 12वीं किस्त का मुफ्त भुगतान करने की पेशकश की थी। इन किस्तों का कार्यकाल 12 महीने, 24 महीने या 36 महीने रखा गया था। कार्यकाल के अंत में, जमा की गई राशि से आभूषण खरीदने पर 50 फीसदी अतिरिक्त बोनस दिया जाना था।"लेकिन बैंकों की तरह ही, इस स्कीम के माध्यम से आम आदमी को ठग लिया गया। ज्यादातर मामलों में ना ही कंपनी ने ना ही किस्त का भुगतान किया, ना ही आभूषण दिए और ना ही पैसे वापस किए। उन्होंने कहा, "परिणामस्वरूप, सितंबर, 2015 में शपथपत्रों के जरिए गुजरात में बड़ी संख्या में पुलिस शिकायतें दायर की गईं।"पार्टी ने आरोप लगाया कि 10 अक्टूबर, 2017 को, गीतांजलि ग्रुप पर बड़ी संख्या में आम लोगों ने शिकायत दर्ज की।गोहिल ने कहा, "एफआईआर दर्ज करने और नीरव मोदी और मेहुल चोकसी और अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के बजाय, भावनगर पुलिस ने मामले को लंबित रखा और आखिर में यह रिकॉर्ड किया कि इसकी जांच गांधीनगर सीआईडी अपराध शाखा द्वारा की जानी चाहिए।"उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस 25 जनवरी तक इंतजार करती रही, जब तक कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी अपने परिवार के साथ देश से फरार नहीं हो गया। ऐसे हजारों मामले हैं, जो "उच्चतम स्तर पर सहभागिता और संरक्षण का संकेत देते हैं।"