संसद के शुरुआती बजट सैशन में संगरूर से संसद मैंबर और आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान भगवंत मान ने केवल 18 मिनट मिले समय में पंजाब और देश के साथ जुड़े करीब 2 दर्जन मुद्दे उठाने का रिकार्ड बनाया और केंद्र की भाजपा-आकली दल सरकार को घेरा। समय की कमी के कारण भगवंत मान ने अच्छे दिन कब आएंगे और देश को नदीयों और झीलों में मत बांटीए कविताओं का भी सहारा लिया जो शोशल मीडिया पर छा गई हैं।'आप' द्वारा जारी बयान में भगवंत मान ने बताया कि इस सैशन में उन्होंने पेट्रोल और डीजल की कीमतों आम लोगों की पहुंच से बाहर होने, मोदी सरकार की तरफ से कर्जे के कारण खुदकुशी कर रहे किसानों-मजदूरों को नजर अन्दाज करना, केंद्रीय अन्न भंडार में सब से अधिक योगदान डाल रहे पंजाब के किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ केंद्रीय मदद की मांग करना, मोदी सरकार का फसलों के लाभदायक मूल्य के लिए डा. स्वामीनाथन की सिफारशें लागू करने में आना कानी करना, आलू और गन्नें उत्पादक किसानों की फसलों का सही और समय पर मूल्य न मिलने के कारण हो रही दुर्दशा का मुद्दा, जीएसटी और नोटबन्दी की व्यापारियों-कारोबारियें पर अभी तक पड़ रही मार का मामला, सरकार की गलत नीतियों के कारण व्यापारियों का व्यापार से सन्यास लेना और चहेते सनियासियों का व्यापार-कारोबार करना, देश की 73 प्रतिशत पूंजी केवल एक प्रतिश्त घरानों के पास जमा होने के कारण गरीब और आम आदमी की हालत बद से बदतर होना, मनरेगा की दिहाडिय़ों के लम्बे समय तक पैसे न देना, दलितों और अल्पसंख्या के लिए प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और वजीफों की राशि जारी न करना, अमृतसर और मोहाली (चण्डीगढ़) एयरपोर्टों को सही अर्थों में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्टों की तरह न चलाना, लोगों की लम्बे समय से चली आ रही मांग के बावजूद राजपूरा से सनेटा (मोहाली) तक केवल 16 किलोमीटर के रेल लिंक के द्वारा चण्डीगढ़ को समूचे मालवा और गंगानगर तक न जोडऩे के पीछे बादलों की बसों को फायदा पहुंचाने का कारण बताया और यह लिंक जल्दी बनाने की मांग की, पर्ल समेत अन्य चिट्टफंड कंपनियों की तरफ से पंजाब और देश के अन्य लोगों के साथ मारी गई अरबों -खरबों की ठगी की भरपाई के लिए इन कंपनियों की संपत्ति बेचने की मांग, मोदी सरकार की तरफ से 2 करोड़ नौकरियों के वायदे से मुकरने और अब बी.ए, एम.ए, और अन्य उच्च डिगरियां प्राप्त बेरोजगार नौजवानों को 'पकौड़े तलने' के लिए प्रेरित करने की निंदा करना, मोदी और पंजाब की कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की तरफ से नौजवानों को नौकरियां और मोबाइल फोन देने जैसे वायदों से मुकरने के हवाले के साथ राजनैतिक पार्टियों के चुनाव मनोरथ पत्रों को कानूनी दायरे में लाने के लिए लीगल दस्तावेज बनाने की मांग की गई।भह्यगवंत मान ने नरिन्दर मोदी सरकार की देश और लोक विरोधी नीतियों को लेकर मोदी सरकार को जी भर कर कोसा और देश को धर्म और जाति -कबीलों के नाम पर बांटने का आरोप लगाया। मान ने कविता के द्वारा जहां मोदी से 'अच्छे दिनों' का हिसाब मांगा वहीं देश को धर्म के नाम पर न बांटने की अपील की। भगवंत मान ने मोदी सरकार को देश समर्थकी और लोक समर्थकी नीतियां -प्रोग्राम लाने के मकसद से लाल किले से दशक पुराने रटे-रटाए भाषणों से गुरेज करने की सलाह दी। मान ने आरोप लगाया कि डिजीटल इंडिया का आगे बढऩे का नारा देकर आज मोदी सरकार धर्म और नफरत की राजनीति के अंतर्गत देश को खिलजियों और टीपू-सुलतानों के गैर-जरूरी एजंडों में उलझा रही है।मान ने प्रधान मंत्री के पद की गरिमा के लिए प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी को तथ्यों के आधार पर नाप-तोल कर बोलने की सलाह भी दी है।