चंडीगढ़ गुप ऑफ़ कॉलेजिस के झंजेडी कॉलेज द्वारा राष्ट्रीय बालिका दिवस पर उन लड़कियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने एक साधारण परिवार से ऊपर उठकर सफलता की बुलंदियों को छुआ। इन लड़कियों ने समाज की पुरानी सोच का विरोध या किसी भी बुरे हालातों में अपनी हिम्मत ना हारते हुए उन हालातों का डट कर मुकाबला करते हुए अपनी मंजिलों को छुआ।झंजेडी कॉलेज के ऑडिटोरियम में हुए एक समागम में पीसीएस अनुप्रीत कौर ने अपनी सिविल सर्विसेज की परीक्षा को क्लियर करने के दौरान अपने सफऱ को सांझा करते हुए एक साधारण परिवार की लड़की को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के दौरान आने वाली परेशानियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में लड़की के 18 साल की आयु होने के बाद माता पिता को उसके कैरीयर की चिंता ना होकर उसके विवाह चिंता हो जाती है। बेशक यह फैसला उस लड़की के सपने को कत्ल करने के लिए काफी होता है।उभर रही अदाकारा अमन हुंदल ने बताया कि फिल्मों में काम करना आज के आधुनिक समाज में भी गलत समझा जाता है जिस कारण उनके पिता ने पहले उनको फिल्मों में काम करने की इजाजत नहीं दी जबकि उनकी माता के सहयोग से उन्होंने अपनी एक्टिंग से लोहा मनवाना शुरू किया जिसके बाद उनके पिता राजी हो गए। अमन ने बताया कि माता पिता की सोच इस सोच का कारण लड़कियों के फिल्म जगत में होने वाले शोषण को बताया। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी अदाकारी के चलते हर हालत में बिना कोई समझौता किए यह मुकाम हासिल किया है । हिम्मत के साथ कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है।
गायिका अफसाना खान अनुसार लड़कियों में सहनशीलता और आत्मविश्वास लड़कों के मामले में कहीं ज्यादा होता है। इसी गुण को अपनाकर लड़कियां अपनी मंजिल तक पहुंच सकती हैं । इसी आत्मविश्वास के चलते उन्होंने अपने परिवार अपने रिश्तेदारों के विरोध के बावजूद गाना सीखना जारी रखा और आज यह गायकी उनकी मंजिल है। उन्होंने विद्यार्थियों से संघर्ष की जिंदगी और सफलता के समय तक एक महिला के अंदर पैदा होने वाली मनोस्थिती और उसके हल सबंधी बहुमूल्य जानकारी सांझी की।सेमिनार में चौथी हिस्सा लेने वाली कारगिल जंग के ही हीरो परिवार के मैंबर पूजा सांगवाल ने छात्राओं से अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि लड़कियों को अपने ऊपर उठा रही उंगलियों और गंदी नजरों के परवाह ना करते हो सिर्फ और सिर्फ अपनी मंजिल को देखना चाहिए क्योंकि वही लोग जो तुम्हारे संघर्ष के मौके तुम पर उंगलियां उठाते हैं बाद में वही लोग तुम्हारी कामयाबी पर तालियां बजाते हैं। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने भी कई सवाल पूछे जिनका जवाब इन मशहूर हस्तियों ने बेहतरीन तरीके से दिया।इस अवसर पर सी जी सी के प्रैज़ीडैंट रछपाल सिंह पालीवाल ने कहा कि आज बेशक समय के चलते लड़के लड़की की सोच में अंतर आया है परंतु फिर भी आज के दौर में लड़कियों को शिक्षा ,कैरियर की सोच समेत अन्य कई बातों के लिए अपने परिजनों की सोच पर निर्भर रहना पड़ता है । इसलिए समाज में आज भी लड़कियों की आजादी और उनको अपनी सोच अनुसार जिंदगी जीने के मौके देना बहुत जरूरी है। उन्होंने लड़के लड़की को बराबर समझने की सोच पर जोर देते हुए कहा कि अगर भारत को विकासशील देश बनाना है तो सबसे पहले लड़के लड़की के मध्य खाई को खत्म करना होगा। धालीवाल में जानकारी साझा करते हुए कहा कि उनको मान है कि कॉलेज में शिक्षा हासिल करने वाली लड़कियों ने भी नौकरी, खेलों या शिक्षा के क्षेत्र में कॉलेज का नाम ऊंचा किया है। इस अवसर पर कॉलेज की मैनेजमैंट द्वारा इन शखशियतों को स्मृति चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित किया गया।