वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान देश में सर्वाधिक एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) मॉरिशस से प्राप्त हुआ है। उसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन का नंबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े में यह जानकारी दी गई है। आरबीआई की "वित्त वर्ष 2016-17 में भारतीय प्रत्यक्ष निवेश कंपनियों के विदेशी दायित्वों और संपत्तियों की गणना" नामक रपट में यह जानकारी दी गई है।गणना रपट में बताया गया, "मॉरिशस भारत में एफडीआई का सबसे बड़ा ोत रहा (21.8 फीसदी की बाजार हिस्सेदारी)। उसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर और जापान का नंबर रहा।"रपट में कहा गया है, "देश से सर्वाधिक विदेशी निवेश सिंगापुर (19.7 फीसदी) में किया गया। उसके बाद नीदरलैंड, मॉरिशस और अमेरिका में निवेश गया।"आंकड़े के मुताबिक, देश में किए गए कुल एफडीआई का करीब आधा हिस्सा विनिर्माण क्षेत्र में किया गया। उसके बाद सूचना और संचार सेवाएं, वित्त और बीमा गतिविधियों ने सबसे ज्यादा एफडीआई हासिल किया।इस गणना में करीब 18,600 कंपनियों ने हिस्सा लिया।रपट में कहा गया है, "गणना में शामिल 96 फीसदी कंपनियां 2017 के मार्च में असूचीबद्ध हो गईं और उनमें से ज्यादातर को एफडीआई प्राप्त हुआ। असूचीबद्ध कंपनियों की सूचीबद्ध कंपनियों की तुलना में एफडीआई पूंजी प्राप्त करने में ज्यादा हिस्सेदारी थी।"