आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और कांग्रेस सरकार की अलोचना करते हुए कहा कि उनकी बेसमझी के कारण ही पंजाब में जीएसटी को लेकर संकट पैदा हुआ है। जिस कारण राज्य के खजाने को भारी नुक्सान और सरकार की कार्य प्रणाली प्रभावित हुई है। मीडिया को जारी किए ब्यान में 'आप ' नेता और खरड़ से विधायक कंवर संधू ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने जून के विधान सभा सैशन दौरान सरकार को सुचेत किया था कि वह केंद्र द्वारा बनाऐ जीएसटी बिल को लागू कर राज्य की वित्तीय खुद मुख्तियारी खत्म न करें, परंतु मनप्रीत बादल ने इस सुझाव को न मान कर जीएसटी के प्रशंसा भरे शब्द गाए थे। आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि अगले आने वाले विधान सभा शैसन दौरान जीएसटी बिल में संशोधन करके इस को पेश किया जाए।मनप्रीत बादल ने बुद्धवार को अपने ब्यान में कहा था कि जीएसटी लागू होने के बाद पंजाब को कर में 40 प्रतिशत कमी आई है और कहा है कि केंद्र सरकार को यह बिल ओर गंभीरता के साथ बनाना चाहिए था। संधू ने कहा कि विधान सभा में बिल लाने से पहले मनप्रीत बादल को इस बिल को अच्छे तरह से पढऩा चाहिए था। उन्होंने कहा कि उस समय मनप्रीत ने कवि अलमा इकबाल की पंक्तियां पढ़ते हुए विरोधी पक्ष को इस बिल को लाने में सहयोग देने की बात कही थी कि ऐसे मौके जीवन में एक ही बार सदियों के बाद आते हैं।कंवर संधू ने आरोप लगाया कि मनप्रीत बादल ने सदन को गुमराह किया था। उन्होंने कहा कि, ''बादल ने राज्य के लोगों से वित्तीय घाटे की बात छूपा कर यह कहा था कि जीएसटी बिल लागू होने के बाद केंद्र पंजाब को होने वाले नुक्सान की भरपाई देने के साथ-साथ ओर 14 प्रतिशत गुमराह कर देगा, परंतु 1 साल बीतने के बाद अब जब कहे हुए शब्दों से उलट हो रहा है तो मनप्रीत बताएं कि वह किस आधार पर यह ब्यान दे रहे थे।''संधू ने कहा कि केंद्र पर आरोप लगाने से पहले मनप्रीत अपने गलती स्वीकार करके अगले बजट सैशन दौरान विधान सभा में इस सम्बन्धित ब्यान दें। उन्होंने कहा कि आगामी जून सैशन में जीएसटी बिल में संशोधन करके इस को फिर पेश किया जाए।
कंवर संधू ने निम्न लिखित ओर सुझाव भी दिए जो नीचे लिखे हैं
1- पंजाब सरकार ओर खेती आधारित, खेती उद्योग और फूड प्रोसेसिंग आधारित राज्यों के साथ बातचीत करके फ्रंट बना कर केंद्र से ओर सहूलतों की मांग करते कर में वृद्धि की मांग करे।
2- आवर्ती जीएसटी कैश क्रेडिट लिमिट की मांग की जाए जिससे राज्य के टैक्सों में देर होने की सूरत में सरकार की रोज़मर्रा की कार्य प्रणाली पर प्रभाव न पड़े, जो कि पिछले 6 महीने दौरान हुआ है।
3-देश के संघी ढांचे को ध्यान में रखते हुए जीएसटी काउंसिल की क्षेत्र आधारित मीटिंगें की जाएं, जहां कि वह अपनी, मुश्किलोंं पर चर्चा कर सकें।
4- पहाड़ी राज्यों के होने के कारण पंजाब के लिए टैक्स रियायतों की मांग की जाये।