बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को यहां बोधगया में तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाईलामा से मुलाकात की और राज्य की खुशहाली के लिए आर्शीवाद मांगा। अपने विकास समीक्षा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री मंगलवार को गया जिले के टेकारी प्रखंड के एक गांव में थे। इसी क्रम में वे बोधगया पहुंचे, जहां उन्होंने तिब्बत मंदिर जाकर धर्मगुरु से मुलाकात की। इस एक घंटे के मुलाकात में धर्मगुरु ने मुख्यमंत्री को बौद्ध धर्म और कई आध्यात्मिक बातों के विषय में बताया।उल्लेखनीय है कि इन दिनों धर्मगुरु दलाई लामा बोधगया प्रवास में हैं। इस मौके पर परम मुख्यमंत्री ने पावन दलाई लामा खादा भेंट किया तथा धर्मगुरु ने भी ने मुख्यमंत्री को शॉल एवं प्रतीक चिह्न भेंट की। इस मौके पर प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी़ क़े ठाकुर सहित महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इससे पहले आठ जनवरी को नीतीश बोधगया जाकर धर्मगुरु से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा एक महीने के प्रवास पर एक जनवरी से बोधगया में हैं। इस एक महीने के प्रवास के दौरान वे कई कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। दलाई लामा 18 से 21 जनवरी के बीच बौद्ध धर्म को अपनाने वाले नए लामाओं को दीक्षा देंगे। मान्यता है कि ध्यानमग्न महात्मा बुद्ध को इसी पवित्र महाबोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपना लिया था। सच तो यह है कि बिहार में जन्मे बौद्ध धर्म को अपनाकर चीन, कोरिया, जापान, सहित कई देश टेक्नोलॉजी में काफी आगे बढ़ गए हैं, लेकिन भारत बार-बार हिंदू-मुस्लिम झगड़े में उलझकर रह जाता है, जिसका फायदा चीन उठाता है। भारत में 10 चीनी कंपनियां मोबाइल बना रही हैं।