राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़ व इटावा में शुक्रवार को विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल सहित दक्षिणपंथी संस्थाओं द्वारा बुलाए गए बंद से सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। यह बंद बीते हफ्ते बूंदी में पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में बुलाया गया था। बंद की वजह से स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पंप व दुकानें बंद रहीं। पुलिस किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार दिखी।बंद की वजह से अपरान्ह एक बजे तक ऑटो रिक्शा व टेम्पो भी नहीं चले। हालांकि, चिकित्सा सेवाएं जारी रहीं, इन्हें बंद से बाहर रखा गया था।पुलिस ने एक जनवरी को बूंदी में एक छतरी की तरफ पूजा के लिए जबरन जाने की कोशिश कर रहे दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया था।
प्रदर्शनकारी बूंदी में हुई घटना में कोटा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक व जिला कलेक्टर की भूमिका को लेकर इन्हें हटाए जाने की मांग कर रहे हैं।सूत्रों के अनुसार हिंदू संगठनों के सदस्यों ने यह सुनिश्चित किया कि इन शहरों में कोई दुकान नहीं खुले। वे दुकानदारों को शटर गिराने को मजबूर कर रहे थे।पुलिस अधीक्षक अंशुमान भोमिया ने कहा कि वे हालात पर नजदीकी नजर रखे हुए हैं और स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए इन जगहों पर बलों की तैनाती की गई है।दक्षिणपंथी संगठनों ने बूंदी में धारा 144 लगे होने के बावजूद टाइगर हिल स्थित मान्धाता बालाजी की छतरी की तरफ जुलूस निकाला था। इन्हें रोकने की कोशिश में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था जिसमें करीब 15 लोग घायल हो गए थे।