केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने शुक्रवार को अपने तरह के एक खास समारोह दो दिवसीय 'केरल लोकसभा' का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह समारोह भविष्य में राज्य की प्रगति के लिए एक इंजन साबित होगा। राज्य विधानसभा के बैक्वे ट हाल में आयोजित यह समारोह ऐसा लगा जैसे विधानसभा का सत्र चल रहा है। इस समारोह में कुल 351 लोग हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें 141 विधायक व राज्य के सांसद और देश-विदेश के केरल आधारित संगठनों के 130 विशेष प्रतिनिधि शामिल हैं। विजयन ने कहा, "देश में इस तरह का यह पहला आयोजन है। यह दो साल में एक बार आयोजित होगा।"उन्होंने कहा, "अगले दो दिनों में होने वाली चर्चा और विमर्श केरल के भावी विकास के लिए एक इंजन हो सकता है।
"मुख्यमंत्री ने कहा, "यह सभा महत्वपूर्ण कड़ी हो सकती है.. जैसा कि पिछले कुछ दशकों में, केरल के प्रवासियों ने पैसे भेज कर अना योगदान दिया है, जो कि राज्य के लिए महत्वपूर्ण है।"उन्होंने कहा कि हालांकि उनके पास अपने विचार रखने का कोई मंच नहीं था और इसलिए यह सभा उनके लिए उपयोगी है।विजयन ने आश्वस्त किया, "समारोह में जो भी चर्चा और विमर्श होगा, उसे उसके तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाएगा।"उन्होंने कहा, "इसे प्रभावशाली समारोह बनाने के लिए, यहां के सांसदों को इस आयोजन को आगे ले जाना चाहिए और केंद्र की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। राज्य इसे अकेले करने में सक्षम नहीं होगा।"केरल के विधानसभा अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन और सात सदस्यीय समिति के सदस्य दो दिवसीय समारोह का समायोजन करेंगे, जिसमें केरल की अर्थव्यवस्था पर चर्चा होगी।
राज्यसभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन ने इस समारोह को आयोजित करने के लिए शुभकामनाएं दी हैं।राज्य में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के अध्यक्ष कुम्मनम राजाशेखरन ने हालांकि इस सभा को कोई महत्व नहीं दिया और कहा कि यह विदेशों में स्थित मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी(माकपा) के प्रतिनिधि स्तर की बैठक है।उन्होंने कहा, "इस बैठक को माकपा के शुभचिंतकों की बैठक कहा जा सकता है। विदेशों में केरल के प्रवासियों के लिए काम कर रहे कई प्रतिष्ठित संगठनों ने इसमें भाग नहीं लिया।"