पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज फ़सली कर्जा माफी के लिए एक लाख 15 हज़ार अन्य मामलों को स्वीकृति दे दी है जिस की राशि 580 करोड़ रुपए बनती है और 31 जनवरी, 2018 से पहले राज्य भर के किसानों को बांटी जायेगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री के नेतृत्व अधीन आज हुई उच्च स्तरीय मीटिंग दौरान की गई। इस मीटिंग दौरान गत 7 जनवरी को राज्य सरकार द्वारा कजऱ् माफी स्कीम का औपचारिक शुरूआत करने के बाद की प्रगति का जायज़ा लिया गया। सरकार द्वारा कजऱ् माफी के पहले पड़ाव में पाँच जिलों के लगभग 47000 किसानों को कजऱ् माफी के सर्टिफिकेट बाँटे गए थे।आज की मीटिंग उपरांत एक सरकारी प्रवक्ता ने विस्तार में जानकारी देते हुये बताया कि कजऱ् राशि का लाभ देने संबंधी तरीके तलाशे जा रहे हैं। मीटिंग दौरान इस बात पर भी सहमति बनी कि कजऱ् माफी के सर्टिफिकेट सार्वजनिक तौर पर पेश किये जाएँ जिससे विरोधी पक्षों या कुछ किसान यूनियनों अपने संकुचित हितों को पूरा करने के लिए झूठे प्रचार के द्वारा किसी भी तरह किसानों को गुमराह न कर सकें।प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को हिदायत की कि कजऱ् बांट प्रक्रिया को सुचारू ढंग के साथ यकीनी बनाया जाये और कोई भी योग्य किसान इस के लाभ से खाली नहीं रहना चाहिए।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अधिकारियों को गलत शब्द -जोड़ जैसी तकनीकी कमीयां तुरंत दरुस्त करने और इस स्कीम को प्रभावी ढंग के साथ लागू करने के रास्ते में आने वाली रुकावटों दूर करने के आदेश दिए।प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस सम्बन्ध में किसी तरह की लापरवाही सहन नहीं की जायेगी। उन्होंने सीनियर अधिकारियों को समुची प्रक्रिया की स्वयं निगरानी करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस स्कीम को सही मायनों में लागू करने के लिए पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है।पहले पड़ाव में सरकार द्वारा सहकारी संस्थायों का कजऱ् माफ किया जा रहा है जिसके लिए 5.63 लाख किसानों की पहचान की जा चुकी है जिनको 2700 करोड़ रुपए की राहत दी जा रही है। समुची प्रक्रिया को चार पड़ावों में सम्पूर्ण किया जायेगा और सहकारी संस्थाओं के बाद निजी और राष्ट्रीय बैंकों को भी इस स्कीम के घेरे में लाया जायेगा।मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि राज्य की वित्तीय स्थिति स्थिर होने पर खेती मज़दूरों के हितों पर भी ध्यान दिया जाएगा। बैठक में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह, ग्रामीण विकास व पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल उपस्थित थे। इसके अलावा मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विसवजीत खन्ना, अतिरिक्त मुख्य सचिव (सहकारिता) डी.पी. रैडी भी मीटिंग में शामिल हुए। इस मौके पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ भी उपस्थित थे।