कम्पनी एक्ट 2013 में कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबीलटी के लिए प्राईवेट कंपनियों की निश्चित की गई जिम्मेदारी से कंपनियां दूर भागती नजर आ रही हैं। इस कानून के अंतर्गत जिन कंपनियों की सालाना टर्न -ओवर 1 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा है या जिन कंपनियों का नैट वर्थ 500 करोड़ रुपए से ज़्यादा है या फिर लाभ 5 करोड़ रुपए से ज़्यादा है, उनके लिए अपने एवरेज मुनाफा 2 प्रतिशत समाज के लिए खर्चना जरूरी है, परन्तु आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट दिनेश चड्ढा की ओर से सूचना अधिकार कानून के अंतर्गत कॉर्पोरेट अफेयर विभाग से एकत्रित जानकारी अनुसार ज्यादातर कंपनियां इस जिम्मेदारी से भाग रही हैं।एडवोकेट चड्ढा ने खुलासा किया कि 31 जनवरी 2016 तक 10, 475 कंपनियां कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबीलटी के दायरे में आती थीं, परन्तु प्राप्त जानकारी अनुसार वित्तीय साल 2015 -16 में विभाग ने सिर्फ 5097 कंपनियों का डाटा एकत्रित किया है, जिनमें से 2691 कंपनियां ही ऐसीं हैं, जिन्होंने ने कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबिलीटी पर 9822 करोड़ रुपए खर्च किये हैं।
जबकि यदि सभी कंपनियां अपना बनता पैसा खर्च करती तो यह रकम बहुत ज़्यादा अधिक हो जानी थी।विभाग ने जिन 5097 कंपनियों का डाटा एकत्रित किया है, उनमें से जो कंपनियां कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबिलीटी पर जीरो रुपए खर्च किये हैं, उनमें अडानी टाउनशिप एंड रियल अस्टेट प्राईवेट लिमिटेड, एल एंड टी ट्रांसपोर्टेशन इनफरास्टकचर लिमिटेड, एवन स्टील इंडस्ट्री प्राईवेट लिमिटेड, ऐलजी सोफ्ट इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, सकौडा आटो इंडिया प्राईवेट लिमिटेड, रिलायंस कमर्शियल लैंड एंड इनफरास्टकचर लिमिटेड, मथूट वहीकल एंड एसैट फाईनांस लिमिटेड, टाटा मोटरज इंशोरैंस बरोकींग एंड एडवाइजरी सर्विसिज लिमिटेड, श्री राम हाउसिंग फाईनांस लिमिटेड, रिलायंस वल्र्ड ट्रेड प्राईवेट लिमिटेड, रिलायंस प्रोग्रेसिव ट्रेडरज प्राईवेट लिमिटेड, रिलायंस ऐमीनेंट ट्रेडिंग एंड कमर्शियल प्राईवेट लिमिटेड और अदित्या बिरला रीटेल लिमिटेड जैसी मशहूर कंपनियां भी शामिल हैं। राज्य से वित्तीय साल 2015 -16 में कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबिलीटी का सब से ज़्यादा खर्च 1138 करोड़ रुपए महाराष्ट्र ने किया है। जबकि कर्नाटका ने 408 करोड़ रुपए, गुजरात ने 338 करोड़ रुपए, उतर प्रदेश ने 322 करोड़ रुपए, दिल्ली ने 237 करोड़ रुपए, बिहार ने 78 करोड़ रुपए, हरियाणा ने 169 करोड़ रुपए, पंजाब ने 42 करोड़ रुपए, जम्मू और कश्मीर ने 37 करोड़ रुपए कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबिलीटी पर खर्च किये हैं।
कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबिलीटी पर वित्तीय साल 2015 -16 में सब से अधिक खर्च रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड ने 652 करोड़ रुपए का किया है, एन.टी.पी.सी लिमिटेड ने 491 करोड़ रुपए, ओ.एन.जी.सी ने 421 करोड़ रुपए, टाटा कंसलटैंसी ने 294 करोड़ रुपए, टाटा स्टील ने 204 करोड़ रुपए, लार्सन एंड ट्रबो लिमिटेड ने 111 करोड़ रुपए, अडानी पोरटस एंड स्पैशल इक्नामिक जोन लिमिटेड ने 40 करोड़ रुपए, मथूट फाईनांस लिमिटेड ने 14.6 करोड़ रुपए, श्री राम ट्रांसपोर्ट फाईनांस कंपनी लिमिटेड ने 18.6 करोड़ रुपए, अदित्या बिरला नूवो लिमिटेड ने 7.4 करोड़ रुपए व आईबीएम इंडीय प्राइवेट लिमिटेड ने 4.8 करोड़ रुपए कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबिलीटी पर खर्च किये हैं। एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने कहा कि कॉर्पोरेट सोशल रिसपोनसीबिलीटी के मामले में भारत सरकार का गंभीर न होना इसी बात से साबित होता है कि विभाग ने इस सम्बन्धित 2015 -16 के बाद 2016 -17 और 2017 -18 में अब तक के आंकड़े भी तैयार नहीं किये हैं। यदि सरकार इन हजारों करोड़ों को सही नीयत और नीति के साथ कोशिश कर खर्च करे तो यह पैसा देश के भुखमरी आंकड़े घटाने में, शिक्षा में एक सम्मानता लाने में, जरूरतमन्दों के इलाज के लिए या किसानों की हालत सुधारने जैसे क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो सकता है।