पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आज मीडिया से बातचीत करते हुये अपने दोनों विभागों स्थानीय निकाय तथा सांस्कृतिक व पर्यटन विभाग द्वारा किये अब तक के कार्यो का विस्तार में विवरण देते हुये भविष्य की योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने दोनों विभागों का 'विजऩ डाक्यूमेंट (भविष्यवादी योजनाएं) जारी करते हुये स्थानीय निकाय विभाग का नारा 'कैप्टन सरकार, लोगों के द्वार और सांस्कृतिक व पर्यटन विभाग का नारा 'सभ्याचार से रोजग़ार रखा। पंजाब भवन में प्रैस कान्फ्रेंस के दौरान स. सिद्धू ने बताया कि स्थानीय निकाय विभाग द्वारा शहर वासियों को सरल, पारदर्शी और बेहतर सेवाएं देने के साथ-साथ शहरी इकाईयों को आर्थिक तौर पर मज़बूत करके शहरों का काया-कल्प करना है। सांस्कृतिक व पर्यटन विभाग द्वारा सूबे में सांस्कृतिक लहर पैदा करके युवा पीढ़ी को विरासत से जोड़ते हुये संभालना है और राज्य में मौजूद धार्मिक, विरासती और ऐतिहासिक स्थान जो पर्यटन के लिए अथाह सामथ्र्य रखते हैं, की पहचान करके इनको श्रद्धालुओं और सैलानियों की धुरी बनाना है। उन्होंने कहा कि संस्कृति के पुन: सृजन के साथ-साथ इसके द्वारा नवयुवकों के लिए रोजग़ार के साधन पैदा करना सबसे बड़ी पहल होगी।इस अवसर पर स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव श्री ए वेनू प्रसाद, सांस्कृतिक व पर्यटन विभाग के सचिव श्री विकास प्रताप, निदेशक श्री शिव दुलार सिंह ढिल्लों, पी एम आई डी सी के सी ई ओ श्री अजोय शर्मा, स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक श्री करनेश शर्मा और रूपिंदर सिंह संधू भी उपस्थित थे।स्थानीय निकाय संबंधी मंत्री स. सिद्धू ने कहा कि शहर वासियों को घर बैठे प्रशासकीय सेवाएं देने के लिए ई-गवर्नेंस परियोजना मार्च 2018 से आरंभ की जा रही है जो दिसंबर 2018 तक लागू हो जाएगा। ऑनलाईन नक्शे पास करने का कार्य इस माह आरंभ हो जाएगा जो इस वर्ष सितंबर माह तक पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे शहरों को भृष्टाचार मुक्त, पारदर्शी एवं सरल सेवाएं मिलेंगी। उन्होंने बताया कि शहरी इकाईयों को जवाबदेह बनाने तथा गत समय में हुए भृष्टाचार को उजागर करने के लिए इसी माह से फोरेंसिक ऑडिट आरंभ हो रहा है और पहले चरण में 4 बड़े शहरों अमृतसर, जालंधर, पटियाला एवं लुधियाना के नगरनिगमों और नगरसुधार ट्रस्टों तथा 3 नगरपालिकाओं खरड़, जीरकपुर एवं राजपुरा से यह कार्य आरंभ होगा जिसको सितंबर माह तक संपूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य के समस्त नगरनिगमों, नगरकौंसिलों एवं पंचायतों में 50 प्रतिशत वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गये और हाल ही में हुए 3 नगरनिगमों और 29 नगरपालिकाओं के चुनाव में यह आरक्षण लागू हुआ।स. सिद्धू ने कहा कि अमृतसर में बीआरटीएस परियोजना के लिए 495 करोड़ रूपये जारी हो गये हैं और इससे 31 कि.मी के घेरे में 3 कोरीडोर बनेंगे। शहरों के सर्वपक्षीय विकास के लिए स्थानीय ईकाईयों को आर्थिक तौर पर निर्भर बनाने के लिए नई विज्ञापन नीति लाई जा रही है जो इसी माह तैयार कर अप्रैल माह तक लागू की जायेगी। उन्होंने बताया कि 2012 की इस नीति में कई खामियां थी जिस कारण विज्ञापनों से मामूली कमाई हुई। शहरों में जी आई एस की सहायता से शहरों के मास्टर प्लान अधिसूचित किये जा रहें हैं। 16 अमरूत शहरों में 31 जनवरी तक जी आई एस आधारित मास्टर प्लान का कार्य आरंभ हो जायेगा। शहरों में एक समान ईमारतों के निर्माण के लिये यूनीफाइड बिल्डिंग बायलॉज बनाये जा रहें हैं जो मई माह तक बना लिये जायेंगे। शहरों में पार्किंग की व्यवस्था के बेहतर प्रबंधों के लिए नीति तैयार की जा रही है जो अप्रैल माह तक लागू हो जायेगी। शहरों में आवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए भी नीति बनाई जा रही है। 31 दिसंबर, 2017 तक 46 शहरी स्थानीय ईकाईयों को 'खुले में शौच से मुक्त कर दिया है और 100 अन्य शहरों को आगामी 31 मार्च तक कर दिया जायेगा जबकि सभी शहर 30 जून तक हो जायेंगे।
स. सिद्धू ने कहा कि 3 बड़े शहर लुधियाना, अमृतसर और जालंधर स्मार्ट सिटी के अंन्दर शामिल हैं जिसके लिए वह बीते दिन केन्द्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री श्री हरदीप पुरी जी से मिल थे जिन्होंने इन शहरों के लिए तुरंत 350 करोड़ रूपये मंजूर कर दिए जिसके लिए पंजाब ने भी 50 करोड़ रूपये का हिस्सा डाला है। शहरों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करने और शहरों में सीवरेज जाम की समस्याओं तथा ठोस अवशेष के प्रबंधन के हल के लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जा रही हैं जो भविष्य को देखकर तैयार की जा रही है। अब तक 87 प्रतिशत शहरी जनसंख्या को स्वच्छ पेयजल दिया जा रहा है और 73 प्रतिशत को सीवरेज की सुविधा हासिल है। उन्होंने कहा कि विभाग का लक्ष्य 100 प्रतिशत जनसंख्या जल एवं सीवरेज अधीन कवर करना है।
उन्होंने बताया कि शहरियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए नहरों से पानी देने का कार्यक्रम बनाया गया है। 4 बड़े शहरों अमृतसर, लुधियाना, जालंधर एवं पटियाला को नहरी पानी उपलब्ध करवाया जाएगा जिसके लिए 4 बड़े शहरों हेतु क्रमश: 1708 करोड़ रूपये, 2874 करोड़ रूपये, 2000 करोड़ रूपये तथा 7171 करोड़ रूपये की परियोजनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जाम हुए सीवरेजों को खोलने के लिए सूपर सक्शन मशीनों की सहायता ली जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 64 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बंद पड़े थे जिनमें से 40 को आगामी दिनों में शुरू किया जाएगा जिससे किसानों को सिंचाई योग्य पानी उपलब्ध करवाया जाएगा।सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री स. सिद्धू ने अपने इस विभाग संबंधी बातचीत करते हुए कहा कि यह विभाग राज्य को पैरों पर खड़ा करने की अथाह सामथ्र्य रखता है परंतु अब तक इसकी उपेक्षा ही की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा राज्य के युवापन को विरासत और संस्कृती से जोडऩे तथा उनके लिए सभ्याचार से रोज़गार के अवसर पैदा करने के लिए व्यापक सभ्याचारक नीति बनाई गई जिसको बनाने वाला पंजाब देश का मणिपुर के बाद दूसरा राज्य है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पर्यटन और चिकित्सा पर्यटन नीति भी तैयार है जिसे शीघ्र ही केबिनेट से स्वीकृति दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पंजाब में अनेक धार्मिक, एतिहासिक तथा विरासतीय स्थान हैं जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी संख्या में आकर्शित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमृतसर में प्रतिदिन सवा लाख श्रद्धालु/पर्यटक आते हैं और दरबार साहिब ऐसा धार्मिक स्थल है जहां आने वाले व्यक्तियों की गिनती विश्व में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि अमृतसर में दरबार साहिब के अतिरिक्त अन्य भी धार्मिक, ऐतिहासिक व पर्यटन केंद है और यदि अमृतसर में आने वाले इन श्रद्धालुओं/पर्यटकों के लिए रहने और खाने-पीने के प्रबंध कर दिये जायें तो अमृतसर शहर अकेला ही पंजाब को पर्यटन क्षेत्र में खड़ा कर सकता है।
स. सिद्धू ने कहा कि पंजाब की धार्मिक, ऐतिहासिक व विरासती स्थानों को पर्यटन की श्रृंखला में जोडऩे के लिए सर्किट बनाये जा रहे हैं। धार्मिक सर्किट के लिए केंद्र से 100 करोड़ रुपये मंजूर करवा लिये हैं जिनमें आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, चमकौर साहिब शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सवतंत्रता संग्राम और सवतंत्रता संग्रामियों से संबंधित स्थलों जैसे कि जलियांवाला बाग़, खटकड़ कलां और हुसैनीवाला शामिल हैं, भी सर्कट में शामिल किये गए हैं। करतारपुर स्थित जंग -ए -आज़ादी यादगार के लिए 15 करोड़ रुपए और जारी किये गए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी समय में महाराजा सर्कट और मुग़ल सर्कट बनाकर इनका प्रस्ताव केंद्र को भेजकर फंड प्राप्त किये जाएंगे। महाराजा सर्कट में रियासती शहरों पटियाला, नाभा, संगरूर, कपूरथला और फरीदकोट के विरासती स्थलों का रख-रखाव करके सैलानियों के लिए आकर्षणपूर्ण बनाया जायेगा। इसी तरह मुग़ल सर्कट के अंतर्गत पंजाब में स्थित धर्मशालाएं जो शंभू, दोराहा, नूर महल और तरन तारन स्थित हैं, को विवाहों के लिए उचित स्थल के तौर पर विकसित किया जायेगा जिससे राज्य की आर्थिकता को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में मौजूद ऐतिहासिक किलों को सैलानियों के लिए आकर्षक बनाया जायेगा। बादशाह अकबर की ताजपोशी वाले शहर कलानौर, आम ख़ास बाग़ सरहिंद को भी सैलानियों के लिए और विकसित किया जायेगा। चिकित्सा पर्यटन नीति बनाकर पंजाब में इलाज के लिए विदेशों से आने वाले मरीज़ों को विशेष सुविधाएं दी जांएगी।स. सिद्धू ने कहा कि पंजाब में फि़ल्म सिटी का निर्माण किया जायेगा जिससे राज्य में बालीवुड की फिल्मों का निर्माण हो सके। इससे रोजग़ार के साधन और अधिक पैदा होंगे। इसके अलावा सूबे में किसी समय पर सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे स्थल जो पिछली सरकारों की लापरवाही और खराब नीति के कारण ठप्प हो गये , को पुन: सृजित किया जायेगा।
इस के अलावा मनोरंजन सिटी बनाई जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग के होटलों, रिजोर्ट और सैलानी स्थलों के नवीनीकरण से विभाग के साधनों में विस्तार किया जायेगा। विरासत-ए -खालसा को भारत में सबसे अधिक देखने योग्य म्युजिय़म बनाने के लिए प्रयास किये जाएंगे। पंजाब में लुप्त हो रही कलाओं और हस्त कला के कार्य को उत्साहित करने के लिए प्रोग्राम बनाऐ जाएंगे। 'हुनर के साथ रोजग़ार स्कीम के अंतर्गत इन कलाओं से जुड़े लोगों के लिए रोजग़ार के साधन पैदा होंगे। अमृतसर में फूड स्ट्रीट बनाई जायेगी।स. सिद्धू ने कहा कि 2019 में पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का 550वां गुरपर्व आ रहा है जिसको बड़े स्तर पर मनाया जायेगा। साल 2019 में जलियांवाला बाग़ के ख़ूनी शौर्यगाथा की शताब्दी आ रही है और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष प्रोग्राम बनाया जायेगा। इसके अलावा इस वर्ष पंजाब में सूफ़ी मेला, पटियाला, कपूरथला, अमृतसर और बठिंडा में विरासती मेला, सैन्य साहित्य मेला करवाया जायेगा। पंजाब में होने वाले रिवायती, विरासती और खेल मेले जिनमें हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन, होला-महल्ला, किला रायपुर, बाबा शेख फऱीद आगमन पर्व, शिव बटालवी फेस्टिवल और बाबे दा विवाह पर्व शामिल हैं, को पूरी सहायता दे कर बड़े स्तर पर करवाया जायेगा।इस अवसर पर पंजाब कला परिषद के चेयरमैन पद्म श्री सुरजीत पातर ने संबोधन करते हुये कहा कि कला परिषद द्वारा संस्कृतिक लहर पैदा करके इसको गांवों तक लेजाया जायेगा और आने वाले समय में निचले स्तर पर हर गांव में कला मेला करवाया जायेगा। इन मेलों में प्रभात फेरी से लेकर शाम तक रिवायती संगीत, विरासती, रंगमंच, लोक गीत और सभ्याचारक प्रोगराम करवाए जाएंगे। इसके अलावा परिषद का लक्ष्य है कि हर स्कूल-कालेज में हफ्ते में कम से कम एक पीरियड सभ्याचार और साहित्य का लगाया जाये जिसमें विद्यार्थियों को साहित्य, कला, सभ्याचार संबंधी ज्ञान मुहैया करवाया जाये चाहे यह विद्यार्थी किसी भी विषय के हों। बच्चों के लिए विशेष बाल गीत तैयार करवाए जाएंगे। कला वाली लघु फिल्मों को उत्साहित करने के लिए इनका मुकाबला करवाया जायेगा। 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें गुरपर्व को समर्पित एशियन काव्य सम्मेलन करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभ्याचार का मकसद सिफऱ् मनोरंजन करना ही नहीं, बल्कि इसके द्वारा नयी पीढ़ी को विरासत से जोडऩा है। उन्होंने कहा कि अर्थपूर्ण साहित्य को संजोय रखने के लिए एक बड़ी पुस्तक तैयार की जायेगी जिसमें बाबा बुल्ले शाह से ले कर अब तक के सर्वोत्तम कवियों /लेखकों के लेख शामिल किये जायेंगे।