Friday, 19 April 2024

 

 

खास खबरें एनएसएस पीईसी ने पीजीआईएमईआर के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गर्मी की एडवाइजरी को लेकर सिविल सर्जन ने ली मीटिंग अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा बने सैवसोल ल्यूब्रिकेंट्स के ब्रांड एंबेसडर सिंगर जावेद अली ने स्पीड इंडिया एंटरटेनमेंट का गीत किया रिकॉर्ड अनूठी पहलः पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी 19 अप्रैल को फेसबुक पर होंगे लाइव आदर्श आचार संहिता की पालना को लेकर सोशल मीडिया की रहेगी विशेष निगरानी- मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल चुनाव में एक दिन देश के नाम कर चुनाव का पर्व, देश का गर्व बढ़ाए- अनुराग अग्रवाल प्रदेश की 618 सरकारी व निजी इमारतों की लिफ्टों पर चिपकाए गए जागरूकता स्टीकर - मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल सेफ स्कूल वाहन पालिसी- तय शर्ते पूरी न करने वाली 7 स्कूल बसों का हुआ चालान चंडीगढ़ में पंजाबी को नंबर वन भाषा बना कर दिखाएंगे-संजय टंडन 4500 रुपए रिश्वत लेता सहायक सब इंस्पेक्टर विजीलैंस ब्यूरो द्वारा काबू एलपीयू के वार्षिक 'वन इंडिया-2024' कल्चरल फेस्टिवल में दिखा भारतीय संस्कृति का शानदार प्रदर्शन पंचकूला के डी.सी. पद से हटाए जाने बावजूद सुशील सारवान जिले में ही तैनात रवनीत बिट्टू के विपरीत, कांग्रेस ने हमेशा बेअंत सिंह जी की विरासत का सम्मान किया है: अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग कुंवर विजय प्रताप के भाषण को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और जांच होनी चाहिए: बाजवा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दिल्ली फतेह दिवस समारोह के लिए निहंग सिंह प्रमुख बाबा बलबीर सिंह को सौंपा निमंत्रण पत्र इंसानी साहस और सच का तानाबाना हैं पुरबाशा घोष की बुक 'एनाटोमी ऑफ़ ए हाफ ट्रुथ' इनेलो ने 28 वर्षीय मजहबी सिख बाल्मिकी समुदाय से युवा सरदार गुरप्रीत सिंह को बनाया अंबाला लोकसभा से उम्मीदवार मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मिशन 13-0' नाम के एक कार्यक्रम में पंजाब के अपने 13 लोकसभा उम्मीदवारों का परिचय दिया भगवंत मान ने पंजाब की जनता से आप के सभी 13 लोकसभा उम्मीदवारों का करवाया परिचय कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशियों का नहीं कोई किरदार : एन.के.शर्मा

 

विपक्षी दलों के लिए चुनौती भरा साल

Listen to this article

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

नई दिल्ली , 30 Dec 2017

देश भर की विपक्षी पार्टियों को इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के उदय और विस्तार की चुनौती का सामना करना पड़ा। आने वाले समय में देश के आठ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी विपक्षी पार्टियों के समक्ष भाजपा के विस्तार को रोकने की कठिन चुनौती होगी। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव भी होने हैं, जिसके लिए भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने को लेकर भी विपक्षी दलों की परीक्षा होनी है। राज्यों में विपक्षी पार्टियों का प्रदर्शन मुख्यत: कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल गांधी पर निर्भर करेगा। राहुल गांधी कैसे अन्य विपक्षी दलों को लेकर आगे बढ़ते हैं, इससे भी इन चुनावों में काफी कुछ तय होगा।वर्ष 2018 में कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें से चार बड़े राज्यों में कांग्रेंस का मुकाबला सीधे भाजपा से है। त्रिपुरा में इस बार सीधा मुकाबला मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भाजपा में है।पिछले तीन वर्षो में कांग्रेस ने कई चुनाव हारे हैं, इसी वजह से 2019 लोकसभा चुनाव के संदर्भ में 'सामूहिक नेतृत्व' पर काफी बातें हो रही हैं। मोदी के विरोध में राष्ट्रपति चुनाव की तरह उम्मीदवार चुने जाने की भी बात कही जा रही है।

इस वर्ष 18 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सामूहिक उम्मीदवार खड़ा किया था। लेकिन कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) और बहुजन समाज पार्टी(बसपा) गुजरात विधानसभा चुनाव में एक साथ नहीं लड़ पाए, जिसमें कांग्रेस कड़ी टक्कर देने के बावजूद चुनाव हार गई।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद इन 18 विपक्षी पार्टियों ने एक साथ आने का फैसला किया था। जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा और समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था और जीत भाजपा के हाथ लगी थी।राकांपा नेता तारिक अनवर ने आईएएनएस से कहा, "कांग्रेस को गुजरात में 12 सीटों पर इसलिए हार मिली, क्योंकि कांग्रेस ने इन पार्टियों के साथ गठबंधन नहीं किया था। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में इन पार्टियों को फिर से ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर कांग्रेस इन राज्यों में अच्छा करती है तो 2019 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को काफी ऊर्जा मिलेगी।"अनवर ने कहा कि अगले वर्ष विधानसभा चुनावों से यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि 2019 लोकसभा चुनाव में क्या होने वाला है।बसपा और समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में एक-दूसरे की विरोधी हैं, वहीं पश्चिम बंगाल में कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस, और वामपंथी दल एक-दूसरे के विरोधी हैं। कांग्रेस हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल, तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति और ओडिशा में बीजू जनता दल(बीजद) की विरोधी है।

इन विरोधाभाषों और वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों कांग्रेस की बुरी हार पर तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ऐसे 'सामूहिक नेतृत्व' पर जोर दिया है, जो भाजपा के विरुद्ध सभी राज्यों में सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ ला सके।उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों को मजबूती के साथ चुनाव लड़ना चाहिए।समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, "लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी पार्टियों के एकसाथ आने की अनिवार्यता है और बीजद व आम आदमी पार्टी जैसी पार्टियों को भी इस बड़े समूह का हिस्सा बनना चाहिए।"अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, "हम यह कोशिश करेंगे कि लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी पार्टियां एक साथ आ सकें। जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, तब देश में ऐसी ही स्थिति थी। सभी पार्टियां एकजुट हुईं और वह चुनाव हार गईं। इतिहास अपने आप को दोहराता है।"द्रविड़ मुनेत्र कड़गम(डीएमके) के नेता टी.के.एस. एलंगोवन ने कहा, "गुजरात चुनाव के दौरान राहुल गांधी के अभियान ने कांग्रेस का मनोबल बढ़ाया और आगामी चुनावों में चुनाव लड़ने की तैयारी बहुत पहले से कर देनी चाहिए।"उन्होंने कहा, "सभी विपक्षी पार्टियों को सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए। वे लोग हम पर हिंदुत्व थोपना चाहते हैं। वे लोग समाज में नफरत भी फैला रहे हैं।"माकपा के मोहम्मद सलीम ने कहा, "धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ वैकल्पिक रणनीति तलाशनी चाहिए और उन्हें हराना चाहिए।"

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी. राजा ने कहा कि भाजपा और संघ के खिलाफ लड़ाई में राजनीतिक पार्टियों के अलावा सामाजिक ताकतों को भी एकजुट होने की जरूरत है।जनता दल (युनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वापस भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) में शामिल होने से इस वर्ष विपक्षी पार्टियों को बड़ा झटका लगा। वह एक ऐसे नेता थे, जो मोदी को चुनौती देने वाले नेता के रूप में उभर सकते थे।बिहार में ही एक अन्य घटनाक्रम में राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद के चारा घोटाला मामले में में दोषी ठहराए जाने से भी विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश को झटका लगा है।हाल ही में 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आए फैसले से हालांकि कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी पार्टियों को जरूर राहत मिली है। इस मामले के विरुद्ध भाजपा ने लगातार कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) पर जोरदार हमला बोला था, जिससे कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।इस कड़ी में काफी अध्याय हैं और यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि 2018 में कैसे नतीजे आते हैं। 

 

Tags: KHAS KHABAR

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD