आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने राज्य में वित्तीय संकट के कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील योजना के ठप्प होने का सख्त नोटिस लेते हुये इसे कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के लिये शर्म की बात कहा है। ‘आप’ द्वारा जारी प्रेस बयान में पार्टी के सह-प्रधान एवं विधायक अमन अरोड़ा ने तंज कसा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार अपने शाही शौक पूरे करने के लिये पोलो मैच पर तो 50 लाख रुपये खर्च कर सकती है, मगर पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को दोहपर का खाना उपलब्ध नहीं करवा सकती। अमन अरोड़ा ने कहा कि मिड-डे-मील योजना के लिये पंजाब सरकार पर केवल 40 फीसदी फंड का प्रबंध करने की जिम्मेदारी है, शेश राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाती है, लेकिन सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण राज्य सरकार ने मिड-डे-मील के लिये अपने हिस्से का फंड नहीं दिया, नतीजन केद्र सरकार से मिलने वाले 75 करोड़ रुपये जारी नहीं हो सके। जिसके कारण नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा में पढ़ रहे 20 लाख से ज्यादा स्कूली छात्र स्कूल में मिलने वाले दोपहर के खाने से वंचित हो गये। अमन हअरोड़ा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार को गरीब एवं दलित विरोधी सरकार बताते हुये दलील दी कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में आज गरीब और दलित वर्ग से संबंधित बच्चे ही पढ़ते हैं, लेकिन सरकार को पिछले दो महीनों से भूखे पेट वापिस लौटते बच्चों की कोई परवाह नहीं। अमन अरोड़ा ने मांग की कि कैप्टन सरकार मिड-डे-मील योजना के लिये आवश्यक फंड का तुरंत प्रबंध करे।