पंजाब के राज्यपाल श्री वी.पी. सिंह बदनौर ने नेशनल गतका एसोसिएशन आफ इंडिया को पंजाब और चण्डीगढ़ के समूह शैक्षिक अदारों में गत्तके का प्रसार करने ख़ास कर लड़कियाँे को जंगजू कला गतका खेल की प्रशिक्षण देने के लिए कहा है जिससे बच्चों और नौजवानों को पुरातन विरासत के साथ जोड़ा और जागरूक किया जा सके। आज यहाँ पंजाब राज भवन में नेशनल गतका एसोसिएशन आफ इंडिया (एन.जी.ए.आई.) के प्रधान हरजीत सिंह ग्रेवाल की तरफ से संपादित गतका रूल्ज एंड रैगूलेशनज़ -2017 नामी पुस्तक की रिलीज दौरान एन.जी.ए.आई के अधिकारियों के साथ बातचीत करते श्री बदनौर ने कहा कि यह पुरातन कला देश में ऐतिहासिक महत्ता रखती है और पीढ़ी दर पीढ़ी नौजवानों को इस रिवायती खेल की कदरों कीमतों से अवगत करवाया जाना मौजूदा समय में बहुत ज़रूरी है।देश -विदेश में गत्तके की प्रफुल्लता के लिए एन.जी.ए.आई. द्वारा आरंभ यत्नों की प्रंशसा करते उन सिक्ख मार्शल आर्ट के इतिहास प्रति गहरी रूचि दिखाई। उन्होंने इस मौके मौजूद नेशनल गतका एसोसिएशन और इंटरनेशनल सिक्ख मार्शल आर्ट अकैडमी (इसमा) के अधिकारियों को कहा कि वह साल 1936 में मेजर करतार सिंह अकाली द्वारा लिखी दुर्लभ और पुरानी गतका नियमांवली की आर्ट आफ गतका फाइटिंगको दोबारा प्रकाशित करवाने और उन इस काम के लिए स्व -इच्छुक मदद करन का भरोसा भी दिया।
इस अवसर पर एन.जी.ए.आई. के प्रधान श्री हरजीत सिंह ग्रेवाल ने राज्यपाल पंजाब को बताया कि साल 2004 में रजिस्टर्ड हुई यह जत्थेबंदी सब से पुरानी राष्ट्रीय खेल संस्था है जो सक्रियता के साथ इस महान कला को उत्साहित और प्रफुल्लित करन के लिए पहलकदमियों करती आ रही है। उन्होंने बताया कि एन.जी.ए.आई. के मुख्य उद्देश्यों में गत्तके को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के तौर पर उपयुक्त मान्यता और बनता रुतबा दिलाने के अलावा लोकप्रिय खेल बनाना शामिल हैं। गतका प्रोमोटर श्री ग्रेवाल ने बताया कि यह गतका नियमांवली राष्ट्रीय स्तर पर हर तरह के शैक्षिक अदारों में करवाए जाते गतका टूर्नामैेंटों में लागू होगी जिससे गत्तके को नियमों अनुसार एक मुकाबलेबाज़ी वाली खेल के तौर पर खेला जा सके।इस अवसर पर एन.जी.ए.आई. के सीनियर उप प्रधान रघबीर चंद शर्मा और अवतार सिंह मुख्य गतका प्रशिक्षक, संयुक्त सचिव चितमनजीत सिंह ग्रेवाल, वित्त सचिव बलजीत सिंह सैनी, प्रैस सचिव हरजिन्दर कुमार, इसमा के संयुक्त सचिव गुरमीत सिंह राजपुरा राष्ट्रीय गतका प्रशिक्षक, जोगिन्दरपाल और हर्शवीर सिंह शामिल थे।