राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गायक सोनू निगम संगीत के क्षेत्र में नई प्रतिभा की तलाश और उसे तराशने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि भारत में नई प्रतिभा को तलाशना उतना मुश्किल नहीं जितना दिखता है। आईटीडब्लू प्लेवर्क्स और सोनू ने एक प्रतिभा प्रबंधन इकाई बनाने के लिए हाथ मिलाया है। जिसका नाम प्लेवर्क्स म्यूजिक रखा गया है। आईटीडब्लू प्लेवर्क्स, आईटीडब्ल्यू कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड की मनोरंजन, मीडिया और संचार शाखा है। प्रतिभा को तलाशने का कार्य शुरू किया जा चुका है यह पूछने पर निगम ने मुंबई से फोन पर आईएएनएस को बताया, "प्रतिभा को तलाशना कोई बड़ा मुश्किल काम नहीं है। निरंतर अंतराल पर देश के कोने कोने से उभरते हुए गायक मेरे घर पर आते हैं। वे मुझसे मिलते हैं और उपहार व फूल भेंट करते हैं। उनमे से जब कुछ मुझे अपनी प्रतिभा दिखाते हैं तो मैं अचंभित रह जाता हूं।"एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, "कोई लड़का मेरा घर आया और उसने एक गाना गाया। उस वक्त मैं उसकी कोई मदद नहीं कर सकता। इसलिए प्रतिभा को तलाशना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। उन्हें आपको तलाशने की जरूरत नहीं है, वे खुद आपके सामने आ जाएगी। बस आपको यह करने की जरूरत है कि उन्हें सही मौका प्रदान करें।"
महत्वकांक्षी गायकों की मदद करना ब्रह्मांड, भगवान और संगीत से मिले सम्मान को वापस देने का यह उनका तरीका है। उन्होंने कहा, "जिंदगी में एक मोड़ पर किसी ने मेरी मदद की थी। मैं खुद इतना बड़ा मुकाम (उद्योग जगत में) हासिल नहीं कर सकता था। जहां सचीन पिलगांवकर और गुलशन कुमार मेरी जिंदगी में फरिश्ते की तरह आए।"निगम ने कहा, "मुझे ऐसा लगा कि मैं इस दुनिया का एहसानमंद हूं। आईटीडब्लू के लोग मेरे घर आए और हमने उन संभावनाओं को तलाशने के लिए बातचीत की। मैंने संगीत की बेझिझक संभावनाओं का उल्लेख किया। वे मेरा पक्ष जानकर खुश हो गए। वे चाहते थे कि मेरी दृष्टि पर अपनी ताकत लगाए। इसलिए मैं न नहीं कह सका।"सोनू को 'कल हो न हो', 'अभी मुझ में कहीं'और 'दो पल' जैसे गानों के लिए जाना जाता है। संगीत के अज्ञात पक्ष पर उन्होंने कहा, "बहुत सारी चीजों का पता लगाना बाकी है। स्वतंत्र संगीत उनमें से एक है।"उन्होंने माना कि भारतीय गानों का मतलब बॉलीवुड गानों से होता लेकिन चीजे बदल रही हैं।
उन्होंने कहा, "बॉलीवुड गाने इस वक्त अपने चरम पर हैं। लेकिन एक मशहूर रेडियो स्टेशन मेरे घर आया और मुझसे उनके लिए कुछ करने को कहा। हम स्वतंत्र संगीत के लिए समर्पित एक विशेष सेगमेंट बनाने चाहते थे। इसलिए चीजे बदल रही हैं।"सोनू ने कहा, "फिल्मों का संगीत अद्भूत है। इसी की वजह से मैं यहां पहुंचा हूं। मेरे दिल में फिल्मी संगीत के प्रति सम्मान है लेकिन मैंने 'दीवाना' 'चंदा की डोली' और 'क्लासिकली माइल्ड' जैसे एल्बम भी बनाए हैं। यह अपने आप में अच्छा होगा कि फिल्मी गानों और स्वतंत्र संगीत को मिलाया जाए।"निगम ने कहा, "कभीकभार, आप कम प्रतिभाशाली लोगों को आपसे अच्छा करते हुए देखते हैं और खुद को सफलता से दूर पाकर निराश होने लगते हैं। लेकिन आपको दौड़ में खुद को बनाए रखने की जरूरत है। अगर आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं तो आपका समय जरूर आएगा।"