केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार ने चक्रवाती तूफान ओखी से राज्य में हुई क्षति की भरपाई के लिए केंद्र सरकार से 1,843 करोड़ रुपये मांगे हैं। विजयन ने मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता के बाद मीडिया से कहा, "यह खराब आपदाओं में से एक था, जिससे राज्य में क्षति हुई। केंद्र सभी पहलुओं में बहुत मददगार रहा है।"विजयन ने कहा, "आज(बुधवार) की बैठक में हमने तय किया कि हम तूफान से हुई क्षति के लिए केंद्र से 1,843 करोड़ रुपये मांगेंगे। "विजयन ने हालांकि तूफान में मारे गए व लापता लोगों के बारे में स्पष्ट आंकड़े नहीं बताए।विजयन ने कहा, "अबतक शवों को बरामद किया जा रहा है। मछुआरे दो तरह की नौकाओं का इस्तेमाल करते हैं, एक छोटी नौका होती है और एक बड़ी नौका होती है, जो मछली पकड़ने के कई हप्ते बाद वापस आते हैं।"उन्होंने कहा, "जो अबतक लापता हैं, वे छोटी नौकाओं पर पर मछली पकड़ने गए थे। कई मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि कुछ शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।"
विजयन ने कहा, "रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मुझसे कहा है और हम तलाशी अभियान को जारी रखने पर सहमत हुए हैं।"कोझिकोड व कोच्चि में, शवों को तलाश रहे तटरक्षक व समुद्री प्रवर्तन एजेंसियों ने बुधवार को पांच और शव बरामद किए, जिससे इस आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 52 हो गई है।विजयन ने लोगों से राज्य सरकार द्वारा पीड़ित मछुआरा परिवार के लिए बनाए गए पुनर्वास विशेष निधि में योगदान करने की अपील की है।केरल मंत्रिमंडल ने इस कोष में अपने एक माह की तनख्वाह देने का निर्णय लिया है।मुख्यमंत्री ने कहा, "यह निर्णय लिया गया है कि मृतकों के परिजनों को 20 लाख रुपये की सहायता राशि और स्थायी रूप से दिव्यांग हो गए लोगों को पांच लाख रुपये और इलाज करा रहे लोगों को 20,000 रुपये दिए जाएंगे।"उन्होंने कहा, "मृतकों के परिवार को दिए गए 20 लाख रुपये में से, पांच लाख मृतक के माता-पिता, मृतक मछुआरों की अविवाहित बहनों को पांच लाख रुपये दिए जाने चाहिए।"विजयन ने कहा, "सभी पीड़ितों को काउंसिलिंग मुहैया कराई जाएगी। प्रभावित परिवारों के बच्चों की शिक्षा जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा।"उन्होंने कहा कि सहायता राशि को किसी भी अवस्था में विलंब से नहीं दिया जाएगा। 'जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी सहायता राशि दी जाएगी।'चक्रवाती तूफान ओखी केरल व तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में 30 नवंबर को आया था।