सरकार ने अपने वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लिया है, जो वर्तमान वर्ष के निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां सोमवार को एक बजट-पूर्व बैठक के बाद यह बातें की और कहा कि बैठक में मौजूद अर्थशाियों ने देश में कॉरपोरेट कर की दरों को कम करने का सुझाव दिया है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि जेटली ने कहा कि सरकार ने अपने वित्तीय घाटे के लक्ष्य को व्यय को तर्कसंगत बनाते हुए तथा रिसाव को रोकते हुए हासिल किया है। बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा, "हमने इन वित्तीय लक्ष्यों को व्यय को तर्कसंगत बनाकर, सार्वजनिक व्यय में होने वाले रिसाव को नकद लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना और सार्वजनिक प्रबंधन प्रणाली द्वारा रोक कर, साथ ही राजस्व जुटाने के अभिनव प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करके प्राप्त किया है।"वित्तीय घाटा वित्त वर्ष 2015-16 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 3.9 फीसदी था, वित्त वर्ष 2016-17 में 3.5 फीसदी था, और मार्च में खत्म हो रहे चालू वित्त वर्ष में इसे जीडीपी का 3.2 फीसदी रखने का बजटीय प्रावधान किया गया था। बयान में कहा गया, "कॉरपोरेट कर की दर को घटाकर 20 फीसदी करने तथा सभी किस्म के छूटों को हटाने का सुझाव आया है, ताकि इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।"बयान में आगे कहा गया, "एक सुझाव यह भी आया है कि सरकारी कंपनियों के विनिवेश को बढ़ावा दिया जाए।"