दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। अस्पताल द्वारा एक नवजात को गलती से मृत घोषित किए जाने के एक हफ्ते से ज्यादा समय बाद दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया है।दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने तीन सदस्यीय जांच समिति द्वारा एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया। लाइसेंस रद्द करने के आदेश के क्रम में तत्काल प्रभाव से सरकार ने अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती व सभी बाह्य रोगियों की इलाज सेवाओं को रोक दिया है। इसके साथ ही परिसर में प्रयोगशाला परीक्षण पर भी रोक लगा दी गई है।लाइसेंस रद्द करने के आदेश में कहा गया है, "मैक्स सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल शालीमार बाग का पंजीकरण अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है।"सरकार के अनुसार, अस्पताल में जो मरीज पहले से भर्ती हैं, उन्हें अस्पताल द्वारा इलाज जारी रखने का विकल्प दिया जा सकता है या मरीज अगर चाहें तो दूसरे अस्पताल में स्थानांतरित हो सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए जांच के आदेश की अंतिम रिपोर्ट शुक्रवार को उनके पास जमा की गई और उसके बाद यह फैसला लिया गया।जैन ने कहा कि पिछले महीने उन्होंने मैक्स शालीमार अस्पताल को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के तहत मरीजों के उपचार में समस्याओं के लिए नोटिस जारी किया था।उन्होंने कहा, "अस्पताल खास अवधि के लिए आवंटित अतिरिक्त बेड का उपयोग जारी रखे हुए था, जबकि उसके उपयोग की समयसीमा समाप्त हो चुकी थी।"उल्लेखनीय है कि मैक्स अस्पताल ने 30 नवंबर को नवजात को मृत घोषित कर उसे एक प्लास्टिक के थैले में भरकर उसकी मृत जन्मी बहन के साथ उसके परिजनों को सौंप दिया था। लेकिन जब दोनों नवजातों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया तो नवजात के शरीर में हलचल देखी गई और उसके बाद उसे पीतमपुरा स्थित एक क्लीनिक में तत्काल ले जाया गया। लेकिन नवजात ने बुधवार को दम तोड़ दिया।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने लाइसेंस रद्द करने के कदम को बहुत ही कठोर करार दिया है।आईएमए के अध्यक्ष के.के. अग्रवाल ने मीडिया से कहा, "हम मैक्स सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल द्वारा की गई गलती का समर्थन नहीं कर रहे हैं। लेकिन लाइसेंस का रद्द किया जाना एक बड़ा ही सख्त कदम है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल की उचित जांच के बाद जिसकी गलती है, उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।"