उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में हुई बेतहाशा वृद्धि की वापसी की मांग को लेकर गुरुवार को समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल राम नाईक से मिला और ज्ञापन सौंप बढ़ी दर वापस लेने की मांग की। वहीं बढ़ी बिजली दरों के खिलाफ राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में सपा कार्याकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन भी किया।इधर राज्यपाल से मिले सपा के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा और बिजली दर बढ़ोतरी तत्काल वापस लिए जाने के लिए भाजपा सरकार को निर्देश देने की गुजारिश की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव के दिनों में बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव छुपाकर ठीक चुनाव प्रक्रिया समाप्त होते ही बिजली दरों में भारी वृद्धि लागू करना भाजपा सरकार का जनविरोधी आचरण है। किसी भी तरह इस कार्यवाही को उचित नहीं माना जा सकता है क्योंकि इससे राजनीति में दोहरे चरित्र की मानसिकता और शासकीय स्वार्थपरता को बढ़ावा मिलेगा।
पार्टी के नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने जनकल्याण के तमाम वादों को दरकिनार कर बिजली विभाग को घाटे से उबारने के लिए विभागीय भ्रष्टाचार, विद्युत चोरी, लाईनलॉस कम करने के बजाय बिजली की दरों में वृद्धि कर किसानों, गरीबों और कमजोर वर्ग को प्रताड़ित कर रही है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने राज्यपाल को एक और ज्ञापन सौंपा और कहा कि प्रदेश के किसान, मजदूर, दुकानदार, पत्रकार, तथा राज्यकर्मी सभी रसाई गैस का इस्तेमाल करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी नि:शुल्क गैस कनेक्शन का ढिंढ़ोरा पीटते हैं, लेकिन जबसे भाजपा सरकार आई है तबसे लगातार गैस, बिजली, खाद, दवाई, सिंचाई की दरों में भारी वृद्धि कर मध्यम वर्ग तथा गरीबों को यातनाएं दी जा रही हैं। इन वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतें तत्काल वापस होनी चाहिए। सपा के प्रतिनिधिमंडल में रामगोविंद चौधरी, नेता विरोधी दल विधानसभा, अहमद हसन, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, राष्ट्रीय सदस्य-एमएलसी एसआरएस यादव, प्रदेश सचिव-एमएलसी अरविंद कुमार सिंह, तथा पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप शामिल थे।