डिस्टलरी में उत्पादन को सही रास्ते पर लाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय में पंजाब मंत्री मंडल ने पंजाब डिस्टलरी रुलज-1932 में शौध करने को स्वीकृति दे दी है। इस शौध से डिस्टलरी लाईसैंसी आबकारी कमिशन द्वारा बताए गए स्थान पर फलो मीटर लगाएगा, जिससे एक्सट्रा न्यूट्रल अलकोहल/रैक्टीफाईड सपिर्ट के उत्पादन व डिस्पैच पर निगरानी की जा सकेगी।इस निर्णय से डिस्टलरियों के उत्पादन में सुधार करने व किसी भी प्रकार की लीकेज को रोकने में सहायता मिलेगी, इस समय राज्य में 17 डिस्टलरियों व 22 बाटलिंग प्लांट हैं। सभी डिस्टलरियों एक्सट्रा न्यूट्रल अलकोहल (ई.एन.ए.)की पैदावार कर रही हैं जो अंग्रेजी व देशी शराब की पैदावार के लिए मूल रूप से कच्चा माल है। यह डिस्टलरियां ई.एन.ए.की पैदावार करके राज्य में व राज्य से बाहर के बाटलिंग प्लांटों को बेच देती हैं।ई.एन.ए. की पैदावार पर नियंत्रण रखने के लिए कैबनिट ने स्वीकृति व्यक्त की है और इस को राज्य के हित में बताया है तांकि जिन पैदावार ईकाईयों से ई.एन.ए./आर.एस./डी. नर्चर्ड सपिर्ट की लीकेज न हो। ई.एन.ए. की लीकेज से टैक्स व ख्खपतकार के स्वास्थ पर गलत प्रभाव पड़ता है।
मंत्री मंडल के एक्साईज बाऊंडिड वेयर रुलज 1957 में शौध को स्वीकृति दे दी है जिससे लाईसैंस धारक को यह सुविधा दी गई है कि वह किसी कारण के चलते अपने लाईसैंस के स्थान को किसी अन्य स्थान पर बदलने का निर्णय लेना चाहता है तो ले सकता है। यह शौध उसको लाईसैंस का स्थान किसी अन्य स्थान पर बदलने की स्वीकृति देगा, जिसके लिए उसको कुछ शर्ते पूरी करनी होगी। अगर कोई निवेशक स्वीकृति पत्र (एल.ओ.आई.)के कार्याकाल दौरान अपने प्लांट की प्रस्तावित स्थान को किसी अन्य जिले/स्थान पर तबदील करवाना चाहता है तो वह इस शौध के अधीन कर सकता है। उसको वित्त कमिशन आबकारी की अग्रणी स्वीकृति से तबदील करने की आज्ञा दी जाएगी व उसको एल.ओ.आई. की शर्ते पूरी करनी होंगी। किसी विशेष समय के लिए एक बार दी गई एल.ओ.आई. फीस इस तरह के मामलों में फिर से नहीं ली जाएगी लेकिन,एल.ओ.आई. के समय के दौरान समय की अवधी में बढ़ोतरी करने के मामले में निवेशक को जरुरी एक्सटैंशन फीस जमा करवानी होगी।