Thursday, 25 April 2024

 

 

खास खबरें कांग्रेस की सरकार में महिलाओं को 50% छूट और किसानों को मिलेगी एमएसपी -अनुमा आचार्य आम आदमी पार्टी का चन्नी पर जवाबी हमला: 1 जून के बाद आप होंगे गिरफ्तार चंडीगढ़ से इंडिया एलायंस के उम्मीदवार बड़े अंतर से जीतेंगे: जरनैल सिंह सैम पित्रोदा के बयानों से कांग्रेस पूरी तरह बेनकाब, कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा आया सामने : तरुण चुघ भारतीय मजदूर संघ और पीजीआई ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने किया भाजपा प्रत्याशी संजय टंडन का समर्थन पंजाब पुलिस ने जम्मू-कश्मीर में संभावित टारगेट किलिंग को टाला; पाक-आधारित दहशतगर्द मॉड्यूल का एक सदस्य किया काबू जालंधर में बीजेपी को बड़ा झटका! युवा नेता रॉबिन सांपला हुए आम आदमी पार्टी में शामिल आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य जांच के लिए एम्स के डॉक्टरों का पैनल बनाने के आदेश के लिए कोर्ट का किया धन्यवाद हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए 29 अप्रैल को की जाएगी अधिसूचना जारी-अनुराग अग्रवाल वोटर इन क्यू एप से पता चलेगी मतदान केन्द्र पर लाइन की जानकारी - अनुराग अग्रवाल जिला प्रशासन का अनूठा प्रयास- युवा मतदाताओं को यूथ इलेक्शन अंबेसडर बना कर चुनाव प्रक्रिया की दी गई विशेष ट्रेनिंग सेफ स्कूल वाहन पालिसी के अंतर्गत 8 स्कूलों की बसों की हुई चैकिंग सीजीसी लांडरां ने आईपीआर सेल की स्थापना की प्रभु श्रीराम व माता कौशल्या का मंदिर निर्माण मेरे जीवन का अहम फैसला:एन.के.शर्मा भाजपा के अच्छे दिन बना सपना, अब कांग्रेस लाएगी खुशहाली के दिन - गुरजीत औजला डिश टीवी द्वारा 'डिशटीवी स्मार्ट प्लस ' सर्विसेज' के साथ मनोरंजन इंडस्ट्री में आई क्रांति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के लिए जो किया है वो किसी ने नहीं किया होगा - अनिल विज एचपीएनएलयू, शिमला ने पृथ्वी दिवस 2024 के अवसर पर "प्लास्टिक रीसाइक्लिंग और ग्रीन शेड्स का अनावरण" विषय पर इंट्रा-यूनिवर्सिटी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया भाजपा प्रत्याशी संजय टंडन पर मनीष तिवारी की टिप्पणी,भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने दिया जवाब भाजपा महामंत्री तरुण चुग से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने की शिष्टाचार भेंट पंजाब की विरासत की झलक दर्शाता आदर्श पोलिंग बूथ बना आकर्षण का केंद्र

 

गूगल ने किया पहली भारतीय महिला वकील को डूडल से सम्मानित

Listen to this article

Web Admin

Web Admin

5 Dariya News

मुंबई , 15 Nov 2017

गूगल ने बुधवार को भारत की पहली महिला वकील कार्नेलिया सोराबजी को उनकी 151वीं जयंती पर डूडल से सम्मानित किया है। कार्नेलिया सोराबजी 15 नवंबर 1866 को महराष्ट्र (तत्कालीन बांबे प्रेसिडेंसी) के नासिक स्थित देवलाली में पारसी पुजारी सोराबजी कार्सेदजी और फैं्र सिना फोर्ड के घर पैदा हुई थी। नौ भाई-बहनों में कार्नेलिया अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहीं। उन्हें देश के विधिक इतिहास में कई मामलों में पहली महिला होने का गौरव प्राप्त हुआ। गूगल ने उनकी विविध उपलब्धियों के लिए कार्नेलिया को सलाम किया है। उन्हें बांबे विश्वविद्यालय, जिसे अब मुंबई विश्वविद्यालय कहा जाता है, की पहली महिला स्नातक, भारत की पहली महिला वकील, जिसने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वकालत की, ब्रिटिश यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड में दाखिल होने वाली पहली महिला और भारत में जब स्वतंत्रता आंदोलन चरम पर था उस समय भारत व ब्रिटेन में वकालत करनेवाली पहली महिला होने श्रेय जाता है।डूडल को जसज्योत सिंह हंस ने डिजाइन किया है, जिसमें सोराबजी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के बाहर खड़ी हैं। 

उनकी वकालत का सफर इस उच्च न्यायालय से शुरू हुआ था। काला गाउन और सफेद बैंड व विग के साथ उन्हें वकील की पोशाक में दिखाया गया है।नासिक में पैदा होने के बाद वह कर्नाटक के बेलगाम और पुणे गईं, जहां उनका बचपन बीता। उन्होंने दक्कन कॉलेज से पढ़ाई और 1880 के मध्य बांबे विश्वविद्यालय से उच्च दर्जे के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। कुछ समय उनको गुजरात के एक कॉलेज में बतौर प्राध्यापक अध्यापन करने का अवसर मिला। 1888 में उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए यूनाटेड किंगडम स्थित नेशनल इंडियन एसोसिएशन से सहायता मांगी। सोराबजी को कई ब्रिटेन निवासियों ने मदद की जिनमें आर्थर और उनकी पत्नी मेरी हॉबहाउस, फ्लोरेंस नाइटिंगल, सर विलियम वेडरबर्न शामिल हैं।वह 1889 में इंग्लैंड गई और हॉबहाउस दंपति के साथ रहीं। विभिन्न बाधाओं को पार कर वह ऑक्सफोर्ड स्थित सोमर्सेट विले में विशेष अनुमति के साथ 1892 में सिविल कॉल की डिग्री में स्नातक के लिए दाखिल हुई। 1894 में भारत वापसी पर उन्होंने समाजसेवा और खासतौर से धनवादन व राजपरिवारों की पर्दानशीं महिलाओं, जिनके पास अपने धन व संपत्तियों को बचाने के लिए कोई साधन नहीं था, को कानूनी सहायता देने का काम शुरू किया। 

सोराबजी ने उनकी ओर से याचिका दायर करने के लिए विशेष अनुमति ली थी, फिर भी वह अदालत में उनका पक्ष नहीं रख सकती थी। 1897 में उन्होंने बांबे विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री ली। फिर 1899 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय से सरकारी अभियोजक की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें आखिरकार बैरिस्टर के तौर पर मान्यता तब मिली जब 1923 में विधिक समुदाय की ओर से महिलाओं पर लगे प्रतिबंध को कानून में परिवर्तन के बाद हटाया गया। सभी पूर्वग्रहों व विभेदों को तोड़ने में कामयाबी हासिल करने के बाद सोराबजी ने महाराष्ट्र, इलाहाबाद, बिहार, बंगाल, उड़ीसा और असम में दशकों पर विभिन्न विधिक क्षमताओं में काम किया। 1900 से 1930 के दौरान उन्होंने दर्जनभर किताबें लिखीं, जिनमें उनकी दो आत्मकथापरक कार्य शामिल हैं। 1929 में इलाबाद उच्च न्यायालय में वकालत से अवकाश प्राप्ति के बाद वह लंदन में बस गई और सिर्फ जाड़े के दिनों में वह भारत आती थीं। 6 जुलाई 1954 को लंदन में ही उनका देहांत हुआ। देहावसान के करीब 58 साल बाद लंदन के लिंकन्स इन में उनकी अर्धप्रतिमा स्थापित की गई।

 

Tags: Google

 

 

related news

 

 

 

Photo Gallery

 

 

Video Gallery

 

 

5 Dariya News RNI Code: PUNMUL/2011/49000
© 2011-2024 | 5 Dariya News | All Rights Reserved
Powered by: CDS PVT LTD