ज्ञान ज्योति इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट एंड टैक्नोलाजी, फेज 2 द्वारा जीएसटी लागू करने से पडऩे वाले प्रभावों संबंधी जानकारी शेयर करने के लिए एक सैमिनार का आयोजन किया गया। इस सैमिनार में ट्राईसिटी के प्रसिद्ध चार्टेड अकाउंटेंट अलोक कृष्ण ने शिरकत करते हुए भविष्य के मैनेजरों से संबंधित विषय पर अहम नुक्त सांझे किए।सीए अलोक कृष्ण ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक ऐसी मार्केट बन चुका है, जिसमें उत्पादन की कीमत यातायात और समय से जुड़कर इसकी लागत कीमत को प्रभावित करती है। सामान एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के दौरान उलझी हुई कर प्रक्रिया के कारण और महंगा हो जाता था। जिसका प्रभाव सीधा ग्राहक की जेब पर पड़ता था। इसके साथ ही व्यापारी पर भी विभिन्न कर देने का झंजट रहता था। इस नए तरीके से जहां टैक्स प्रक्रिया सस्ती हुई है वहीं सरकार के खजाने में भी वृद्धि हुई है। जिस कारण जीडीपी बढऩे के भी आसार हैं। सीए अलोक कृष्ण ने उद्यौग के लिए कम टैक्स के भार, जीएसटी प्रक्रिया को आसान करने जैसे मुद्दे भी छात्रों के साथ शेयर किए।
उन्होंने आगे कहा कि इससे देश में बन रहे सामान की एक जैसे तरीके से ही कीमत निर्धारित करना आसान हो जाएगा। इस तरह यह उद्यौग और व्यापार के प्रसार के लिए एक बेहतरीन कदम है। उन्होंने आगे कहा कि बेशक इस टैक्स के आने से टैक्सों में पारदर्शिता आ जाएगी जिसे व्यापारी के लिए व्यापार करना भी आसान हो जाएगा।इस अवसर पर डायरेक्टर डा अनीत बेदी ने अपने संबोधन में कहा कि बेशक जीएसटी की शुरुआत वर्ष 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में हो गई थी परंतु फिर में इस बिल को लागू होने में 16 वर्ष का सफर करना पड़ा। डा बेदी ने इस अवसर पर जीएसटी बारे कई अहम बातें भी शेयर कीं।ज्ञान ज्योति गु्रप के चेयरमैन जेएस बेदी ने कहा कि जीएसटी लागू करने से भारत में टैक्स प्रणाली को तर्कसंगत बनाने की ओर बड़ा कदम है। यह घरेलू व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारती अर्थव्यवस्था में निवेश करने के लिए बेहतरीन साकारात्मक माहौल पैदा करने में मदद कर रहा है। इस दौरान छात्रों ने भी प्रश्न उत्तर सैशन दौरान कई अहम प्रश्न पूछे जिनका सीए अलोक कृष्ण ने विस्तारपर्वूक उत्तर दिया।