मणिपुर में एक विद्रोही समूह द्वारा आहूत दिनभर की हड़ताल से राज्य में सामान्य जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रतिबंधित भूमिगम संगठन, माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री करम श्याम के इस्तीफे की मांग को लेकर यह बंद आहूत किया है। श्याम पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। मंत्री ने हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है और इसे निराधार बताया है। उन्होंने कहा, "अगर आरोप साबित होते हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।"पुलिस ने कहा कि बंद का कोई असर नहीं है, क्योंकि सड़कों पर वाहनों का आवागमन जारी है और दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं।अधिकारियों ने बताया कि लंबी दूरी की बसें और ट्रक सड़कों से नदारद हैं और पट्रोल पंप व ज्यादातर दुकानें बंद हैं। पुलिस के मुताबिक, बंद के दौरान फिलहाल किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई है। वहीं, माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने बयान में कहा, "मणिपुर को हर महीने 120,377 मीट्रिक टन चावल दिया गया है। इतना चावल लोगों के लिए पर्याप्त होना चाहिए।" हालांकि, पार्टी ने आरोप लगाया है कि इसका केवल एक हिस्सा ही लोगों को वितरित किया जाता है, बाकी की कालाबाजारी हो रही है।