आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेजिस, चंडीगढ़ ने टैगोर थिएटर, सैकटर-18, चंडीगढ़ में 11वीं सांस्कृतिक एक्सट्रावैगेंजा 'रजनी का आयोजन किया। प्रसिद्ध पंजाबी गीतकार और गायक हैपी रायकोटी ने अपने हिट गीतों से छात्रो का मंनोरंजन किया। इस दौरान बी.टेक, एमबीए, एलएलबी, बीए-एलएलबी, बीबीए, बीसीए, बीकॉम, जीएनएम, एएनएम, बीएससी (एग्री), बीए, बीएड, एमए (एैजु) डिपलोमा के हजारों छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का आगाज आर्यन्स ग्रुप के पैटर्न प्रो. रोशन लाल कटारिया (डीसी) और श्रीमति रजनी कटारियां ने दीप प्रज्जवलित करके किया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभा भारती एैंड पार्टी की ओर से गणेश वंदना के साथ किया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। हिमानी और समूह द्वारा राजस्थानी नृत्य, चरनजीत द्वारा जिंदुआ लोक नृत्य, अमनदीप द्वारा गिद्धा आदि विभिन्न लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी गई। इसके अलावा सोलो डांस, लोक ऑर्केस्ट्रा और लोक गीत दर्शकों व श्रोताओं के आकर्षण का केन्द्र रहे। इस दौरान नॉर्थ ईस्ट के विद्यार्थियों चोंग एंड ग्रुप की ओर से पारंपरिक बांस डांस का प्रदर्शन किया।
गोविंद और ग्रुप द्वारा पश्चिमी हिप्प नृत्य; प्रभजोत और ग्रुप द्वारा अर्वन पेंडू भांगड़ा के पंजाबी संगीत और नृत्य के साथ दर्शकों को उत्साहित किया। वहीं सलमान और ग्रुप द्वारा कॉमेडी स्क्टि व अन्य कार्यक्रमों ने श्रोताओं के दिमाग और मनोदशा को ताज़ा कर दिया और तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा नर्सिंग छात्रों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक पहनाओं के साथ रैंप पर कैट वॉक व मॉडलिंग भी क ी।
वरिंदर और ग्रुप द्घारा पेश किये भंगडे ने पंजाब के जीवंत और रंगीन जीवन को दर्शाया और दर्शको को नाचने पर मजबूर कर दिया।डा:(श्रीमति)प्रवीन कटारिया, डायरेक्टर जनरल, आर्यन्स ग्रुप; प्रौफैसर बी.एस सिद्वू, डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन; डा. रमन रानी गुप्ता डायरेक्टर अकेडमी≠स; मिस सुखअमन बाठ, रजिस्टरार; डा:चंदरशेखर, फोरमर एडीजीपी; रविंदर सिंह बासी, प्रै•ाीडैंट, डिसिट्रिक बार एैसोसिएशन आदि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।आर्यन्स ग्रुप आफ कॉलेजिस के चेयरमैन डा. अंशु कटारिया ने कहा कि पूरे भारत से छात्र आर्यन्स में अलग-अलग पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे हैं। छात्रों ने समारोह में अपने नृत्य के माध्यम से अपने संबंधित संस्कृतियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अध्ययन के अलावा, अतिरिक्त सह-पाठयक्रम गतिविधियों समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। वे छात्रों के समूचे विकास में मदद करते हैं।