पंजाब सरकार ने लुधियाना के आर.एस.एस. नेता रवीन्द्र गोसाईं के कत्ल केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन.आई.ए.) को सौंपने का फ़ैसला किया है।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गुरूवार को यह आदेश देते हुये परिवार के लिए पांच लाख रुपए मुआवज़ा और मृतक के चार बच्चों में से एक को शैक्षिक योग्यता के अनुरूप सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया। श्री गोसाईं की पत्नी की भी कुछ वर्ष पहले कैंसर रोग के कारण मौत हो गई थी और उन के चार बच्चे हैं।आर.एस.एस. के एक शिष्टमंडल से बीते दिन मुख्यमंत्री रिहायश पर उनके साथ मुलाकात दौरान की अपील पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को पड़ताल सौंपने के आदेश दिए।एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस केस का संबंध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने के कारण मुख्यमंत्री ने आर.एस.एस. की अपील को स्वीकृत कर लिया। प्रवक्ता ने बताया कि बीते समय में घटी ऐसीं घटनाओं की अबतक हुई पड़ताल में यह संकेत मिले हैं कि इन साजिशों को विदेशी धरती से अंजाम दिया जा रहा है। इसी कारण कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को इस पड़ताल का हिस्सा बनाने की सहमति दी जिससे केंद्रीय एजेंसियाँ और पंजाब पुलिस के मध्य और अधिक तालमेल बिठाया जा सके।रवीन्द्र गोसाईं के संगीन कत्ल पर शिष्टमंडल की चिंता सांझी करते हुये कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस घटना की कठोर शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा कि सूबे में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ऐसी बदअमनी को हरगिज़ सहन नहीं करेगी और निर्धारित कर किये जाने वाले कत्ल की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठा रही है।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिष्टमंडल को भरोसा दिलाया कि सूबा पुलिस ऐसीं हत्याओं के गत् सभी मामलों को हल करन के लिए पूरी ताकत लगा रही है और उन्होंने निजी तौर पर भी इन मामलों की जांच में तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य मंत्री ने कहा कि निर्धारित कर किये कत्ल के दोषियों को काबू करके कानून के कटघरे में खड़ा करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी क्यों कि ऐसे घटिया यत् नों का सीधा लख्य सूबे को अस्थिरता के रास्ते पर डालना और अमन -शांति भंग करना है।