जनता दल (युनाइटेड) के बागी नेता शरद यादव ने शानिवार को केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में संशोधन सिर्फ एक ढकोसला है, क्योंकि आम जनता सरकार की नीतियों की बुरी तरह आलोचना कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 का आम चुनाव 'आर्थिक मुद्दे' पर लड़ा जाएगा।शरद यादव ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते कहा, "वित्त मंत्रालय द्वारा जीएसटी में किए गए संशोधन की घोषणा का मतलब लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाना है।"उन्होंने यह भी कहा कि जल्दबाजी में लिए गए जीएसटी और नोटबंदी के फैसले के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों में तीन से पांच करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां खो दी है। उन्होंने कहा, "जीएसटी और नोटबंदी के बाद, उद्योगों के उत्पादन, व्यापारियों और अन्य व्यवसायों द्वारा बिक्री और खरीद में 20 से 80 प्रतिशत तक की कमी आई है।" उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र रियल एस्टेट रहा है, जिसके कारण बड़ी संख्या में मजदूरों को वापस अपने गांवों में लौटना पड़ा है।उन्होंने देश भर में किसानों की आत्महत्या का भी उल्लेख किया।नए रिटर्न नियमों और मानदंडों को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए शरद ने कहा कि सरकार ने घोषणा की है कि अब व्यापारियों को अपने रिटर्न हर महीने के बजाए तीन महीने पर दाखिल करनी होगी।
उन्होंने सवाल किया, "क्या पूरा देश कंप्यूटर के अनुकूल बन गया है? क्या देश में सभी जगह 24 घंटे बिजली उपलब्ध है?" उन्होंने कहा, "यह सरकार केवल एक पैच अप का काम कर रही है और जल्द ही हम इसके खिलाफ एक बड़ा कदम उठाएंगे।"उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने यह घोषणा नहीं की है कि अगर किसी व्यापारी ने गलती से गलत सूचना दर्ज करा दी तो उसे कितनी बार कारावास का सामना करना पड़ सकता है।उन्होंने कहा, "देश अब तक का सबसे खराब इंस्पेक्टर राज का सामना कर रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस बार का 2019 का आम चुनाव आर्थिक मुद्दे पर लड़ा जाएगा, क्योंकि देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के आदेश को 'अन्याय' करार देते हुए उन्होंने एनजीटी से अपना आदेश वापस लेने का आग्रह किया। एनजीटी ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन स्थल को जंतर मंतर से हटाकर रामलीला मैदान में स्थानांतरित करने को कहा है।शरद ने यह भी कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक रविवार को बुलाई गई है, जिसमें पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्ष भाग लेंगे।