पंजाब के मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विवादस्पद चिंतपुरनी मैडीकल कालेज के घिरे हुए विद्यार्थियों को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार बेईमान कालेज अथॉरिटी के कुप्र्रबंध के नतीजे के तौर पर विद्यार्थियों के भविष्य का नुकसान होने की आज्ञा नहीं देगी और उनकी तरफ से विद्यार्थियों को सूबे के अन्य कालेजों में तबदील करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इस कालेज का मालिक स्वर्ण सलारिया है जो गुरदासपुर उप-चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार है।पूर्व सैनिकों की रैली में हिस्सा लेने आए मुख्यमंत्री आज विद्यार्थियों को मिले। विद्यार्थियों ने आशंका व्यक्त की कि सलारिया फीस जमा न करवाने के लिए उनको परेशान कर रहा है और वह उनको नुक्सान पहुंचायेगा। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को भरोसा दिलाते हुए कहा,‘उसका कालेज पर अब कोई कंट्रोल नहीं है और वह आपको हाथ भी नहीं लगा सकता।’ विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री को शिकायत की कि सलारिया और उसके ल_मार उनको परेशान कर रहे हैं और फीस का भुगतान करने के लिए धमकियां दे रहे हैं जबकि उनकी कोई भी क्लास नहीं लग रही।
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को बताया कि उनकी सरकार ने मैडीकल कौंसिल ऑफ इं डिया (एम.सी.आई.) से विद्यार्थियों को सूबे के दूसरे मैडीकल कालेजों में तबदील करने की आज्ञा मांगी है। उन्होंने यह भी बताया क्या एम.सी.आई की स्वीकृति जल्दी ही मिलने की संभावना है। इसके बाद तबदीली की प्रक्रिया एक दम शुरू कर दी जायेगी।अपनी सरकार द्वारा विद्यार्थियों के कैरियर को बचाने के लिए हर कोशिश करने का भरोसा दिलाते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि नवंबर में होने वाली परीक्षाओं की तिथि से पूर्व अगर एम.सी. आई. की स्वीकृति न भी आई तो ज़रूरत पडऩे पर उनके लिए अलग परीक्षा ली जायेगी।विद्यार्थियों को मिलने के बाद कुछ पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कालेज को चलाने के लिए नकाम रहने के लिए सलारिया की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा,‘‘इन विद्यार्थियों की तरफ देखो, इनका क्या कसूर है?’’उन्होंने कहा कि सलारिया अपना कालेज चलाने में असफल रहा है और अनेक विद्यार्थियों के भविष्य को खतरे में डाला है। वह इस क्षेत्र का क्या कर सकता है। वह तो केवल पैसा बनाने में लगा हुआ है।