आइडिया सेल्यूलर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) हिमांशु कपानिया ने बुधवार को यहां कहा कि भारतीय नियामक द्वारा हाल ही में घोषित इंटरकनेक्शन यूसेज चार्ज (आईयूसी) से उद्योग में निवेश और भी घट जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को वित्तीय संकट से उबारने के लिए दूरसंचार मंत्रालय के एक उचित वित्तीय पैकेज की तत्काल आवश्यकता है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस को संबोधित करते हुए कपानिया ने कहा, "नियामक द्वारा की गई आईयूसी की घोषणा से उद्योग में निवेश किया जाने वाला धन और घट जाएगा, तथा ऑपरेटरों के बीच उच्च यातायात विषमता का असंतुलन पैदा होगा। पहले से गड़बड़ियों का सामना कर रहा यह उद्योग और संकट की तरफ बढ़ रहा है।"भारत में दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के नए नियमों के तहत आईयूसी या मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क को घटाकर आधा कर दिया गया है, जो कंपनियां पहले 14 पैसे से ज्यादा की दर से ग्राहकों से वसूला करती थीं, वह दर अब वह छह पैसे की हो गई है, जिसके कारण मौजूदा प्रतिभागियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। कपानिया ने कहा, "यह एक ऐसा चुनौतीपूर्ण परि²श्य है, जिसमें हम मानते हैं कि दूरसंचार मंत्रालय को उचित पैकेज के रूप में हस्तक्षेप करने की जरूरत है, जो इस क्षेत्र में मौजूद वित्तीय संकट को दूर करने में मदद कर सकता है।"कपानिया ने कहा कि नियामक द्वारा आईयूसी चलाने से उद्योग में धीरे-धीरे 2जी और 3जी कनेक्शन नष्ट हो जाएंगे, जिससे ग्रामीण कनेक्टिविटी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।उन्होंने कहा, "ट्राई ने हमें एक ऐसे स्तर तक पहुंचा दिया है, जहां केवल एक तकनीक ही जीवित रहेगी और बाकी प्रौद्योगिकियां बंद हो जाएंगी।"