पंजाब सरकार द्वारा साल 2025 तक सूबे में टी.बी. का मुकम्मल तौर पर खात्मा करने का लक्ष्य निश्चित किया गया। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पंजाब सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर यह फैसला लिया है कि मल्टी ड्रग रजिस्टैंस (एम.डी.आर.) टी.बी. के मरीजों को पौष्टिक अहारी तत्व मुफत सरकारी खजाने में से दिए जाएगें। इस के साथ ही पंजाब द्वारा सूबे की समूह जनसंख्या के लिए टी.बी. की जांच और इलाज पहले ही मुफ्त मुहैया करवाया जा रहा है। यह खुलासा आज पंजाब के सेहत पर परिवार कल्याण मंत्री श्री ब्रह्म महिंद्रा ने यहाँ एक होटल में आर.एन.टी.सी.पी. की नेशनल रिव्यू मीटिंग के उद्घाटन बाद में अपने भाषण में किया। इस राष्ट्रीय स्तर की मीटिंग की मेजबानी पंजाब सरकार द्वारो गई जो कि केंद्रीय टी.बी. डिवीजन (सी.टी.डी.), राष्ट्रीय सेहत और परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व सेहत संस्था, भारत द्वारा आयोजित की गई है।सेहत मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा आर.एन.टी.सी.पी. प्रोग्राम साबित कदमी चलाने के लिए पहले ही बड़े स्तर पर नयी पहलकदमियां की गई हैं और सरकार ने अब 2025 तक सूबे में से टी.बी. के सम्पूर्ण खात्मे का लक्ष्य निश्चित किया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की गतिशील और योग्य नेतृत्व तहत सेहत विभाग द्वारा सूबे के लोगों को मानक सेहत सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं जिस के अंतर्गत टी.बी. की शिनाख्त के लिए जांच और इलाज संपूर्ण तौर पर मुफ्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब एक प्रगतिशील और उद्यमी सूबा और टी.बी. खिलाफ लड़ाई में देश को योग्य नेतृत्व और दिशा देने की पंजाब में पूरी समर्था है।एम.डी.आर. टी.बी. द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों का जिक्र करते श्री ब्रह्म महिंद्ररा ने कहा कि बुरा आहार इस बीमारी के फैलने का मुख्य कारण है। इसी कारण पंजाब सरकार ने एम.डी.आर. /एक्स डी.आर. टी.बी. के मरीजों को पौष्टिक अहारी तत्व मुफत देने का सैद्धांतिक फैसला कर लिया है।
इस के इलावा एम.डी.आर. /एक्स डी.आर. टी.बी. के मरीजों को नीले कार्ड भी दिए जाएंगे जिससे वह आटा -दाल स्कीम अधीन सस्ती दरों पर अनाज ले सकें।भारत सरकार के राष्ट्रीय टी.बी. डिवीजन की तरफ से डिप्टी डायरैक्टर डाक्टर सुनील खरपड़े, केंद्रीय सेहत मंत्रालय के वित्तीय सलाहकार श्री ए.क .झा और सी.टी.डी. के अतिरिक्त डिप्टी डायरैक्टर डा.वी.एल.सल्होत्रा ने भी मीटिंग में भाग लिया। विश्व सेहत संस्था, भारत द्वारा मेडिकल अफसर (टी.बी.) डाक्टर सुन्दरीमासे, डाक्टर मलिक परमार, डाक्टर रजनी, डाक्टर ए सिरी निवास उपस्थित थे।डा.खरपड़े ने मीटिंग को संबोधन करते बताया कि प्रधान मंत्री कार्यालय की निगरानी तहत टी.बी. का 2025 तक खात्मा सेहत मंत्रालय की मुख्य प्राथमिकता है। उन्होनें कहा कि इस दिशा में सेहत अधिकारियों को टी.बी. के इलाज वाले गुम हुये केसों ं को फिर से ढूँढ कर उनका इलाज शुरू करना चाहिए।सेहत विभाग, पंजाब की प्रमुख सचिव श्रीमती अंजलि भंावरा ने भी टी.बी. के इलाज को बीच ही छोड़ दिये जाने वाले मरीजों की शिनाख्त कर कर उनका इलाज फिर से शुरू करने पर जोर दिया जब कि राष्ट्रीय सेहत मिशन, पंजाब के मिशन डायरैक्टर श्री वरुण रूज़म ने निजी क्षेत्र के सेहत अधिकारियों को टी.बी. के मरीजों की शिनाख्त करके उनका डाटाबेस तैयार करके सरकार के ध्यान में लाने के लिए कहा।इस अवसर पर सेहत मंत्री ने एक ऑडियों से विजुअल वैन को हरी झंडी दे कर रवाना भी किया जो कि सूबे के समूह 22 जिलों में टी.बी.संबंधी लोगों को जागरूक करेगी। अंत में सेहत विभाग के डायरैक्टर डा.राजीव भल्ला ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया।