पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार की सांय विदेशों में रह रहे पंजाबियों को सूबे में निवेश करने का आहवान करते भरोसा दिलाया कि निवेश के लिए एक हफते में सभी जरूरी स्वीकृतियां देने के साथ-साथ परेशानी रहित व्यापारिक माहौल यकीनी बनाने के लिए उनकी सरकार पूरा सहयोग देगी।यहाँ मेअफेयर होटल में इश्तिहारबाजी क्षेत्र की प्रसिद्ध हस्ती सुहेल सेठ और कैप्टन अमरिंदर सिंह की जीवनी लिखने वाले खुशवंत सिंह के साथ विचार -चर्चा सैशन दौरान मुख्यमंत्री ने सतलुज यमुना लिंक नहर सहित कई विषयों पर खुल कर अपने विचार व्यक्त किये। सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार कर रही है।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दूसरे सूबे को दिए जाने वाले पानी की मात्रा का फैसला करने से पहले पंजाब के पानियों की उपलब्धता का पता लगाने की जरूरत को दोहराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में स्थिति बहुत नाजुक है जिस कारण जब पंजाब के पास ही पूरा पानी नहीं है तो वह किसी दूसरे सूबे को पानी नहीं दे सकता।अपनी अधिकारित जीवनी 'दा पीपलज़ महाराजा को लंदन में लांच करने के बाद सवाल -जवाब के सैशन दौरान एक सवाल के जवाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि बर्फ की चट्टाने पिघलने से उत्तरी सूबे के दरियाओं पर बहुत जयादा प्रभाव पड़ा है और पंजाब में पानी का स्तर तेजी के साथ नीचे गिरा है।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की पिछले छह महीनो की प्राप्तियाँ प्रति भरोसा जाहिर किया जो सूबे की तरक्की का आधार बाँधेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और अन्य मुल्कों के कारोबारियों ने सूबे में निवेश करने के लिए रूचि दिखाई है और इस लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए उनकी सरकार हर संभव यत्न कर रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि टाटा, महेन्दरा, अम्बानी सहित दिग्गज उद्योगपतियों और व्यापारिक घरानों ने पंजाब में निवेश की पेशकश की है और सूबे में औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति दिन -प्रतिदिन सुधर रही है।साल 1985 में पेप्सी कंपनी जैसी कंपनी को पंजाब में लाने का श्रेय भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को जाता है क्यों जो वह उस समय सूबे के कृषि मंत्री थे। मुख्यमंत्री ने प्रवासी पंजाबियों को सूबे में कारोबार करने के लिए किसी भी तरह की समस्या पेश न आने का भरोसा देते कहा कि उन को सभी सुविधाएंं मुहैया करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी पंजाबियों के निवेश करने के लिए सूबा सरकार मजबूत बुनियादी ढांचा, हुनरमंद श्रमिक और अन्य सुविधाओं के साथ उन का स्वागत और मदद के लिए पूरी तरह तैयार है।पिछले 10 सालों में सूबे की बुरी हालत के लिए नशों और बेरोजगारी को मुख्य कारण बताते मुख्य मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने पंजाब को पूरी तरह दिवालिया बना दिया। उन्होंने कहा कि बादल सिर्फ और सिर्फ अपना ही सोचते थे जिन्होंने सूबे को बर्बाद कर दिया जिसको आंतकवाद के दिनों दौरान भी बहुत नुकसान पहुँचा था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अब पंजाब की आबो -हवा रचनात्मक दिशा की तरफ बहने लगी है।
सूबे में बड़े स्तर पर फैली बेरोजगारी पर चिंता जाहिर करते मुख्यमंत्री ने कहा कि चाहे उनकी सरकार ने सत्ता में आने के बाद छह महीनों में कई प्रयास किये हैं परन्तु वह इस तरफ तेजी के साथ आगे बढऩा चाहते हैं जिससे हमारे नौजवानों को नौकरियाँ हासिल हो सकें और सूबा फिर विकास की पटरी पर आ सके।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उप प्रधान राहुल गांधी द्वारा नशों संबंधी उठाए मसले की शिनाख्त की और इस साल के शुरू में अपनी पार्टी की सफलता के लिए अकालियों के कामकाज के ढंग से लोगों में बेचैनी और आम आदमी पार्टी का गर्म ख्यालियो प्रति झुकाव होने के कारणों का जिक्र किया। विधान सभा मतदान में अपनी पार्टी की शानदार जीत का श्रेय उनको जाने के सुझाव को रद्द करते मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी के सांझे यत्न का निष्कर्ष है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक ओर जन्म ले कर अपना जीवन दोबारा जीने की चाहत रखेंगे परन्तु उनके इस जीवन की सब से बड़ी प्राप्ति पंजाब के लिए कुछ कर गुजरना होगी और सूबा उसी तरह आगे बढ़े, जिस तरह की इच्छा उन्होंने पाली हुई है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के बाद पंजाब एक खुशहाल सूबे से धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ता गया। उन्होंने 1984 में घटी घटनाओं को अपने जीवन का नाजुक मोड़ बताया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन पलों को भी याद किया जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इदिंरा गांधी को श्री हरमिंदर साहिब से आतंकवादियों को हटाने के लिए कोई हल ढूँढने की बजाय टकराव का रास्ता अख्तियार न करने से रोकनो के लिए यत्न किये थे।
इस मौके कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजनीति में आने से पहले अपने जीवन के प्रारभिंक दिनों के साथ-साथ फौजी जीवन से जुड़ी यादें भी साझी की। उन्होंने इस बात पर भी सहमति व्यक्त कि राजनीति में सदाचार में बहुत गिरावट आई और अब सेवा की बजाय स्वयं का नया आदर्श उभर कर सामने आया।अपने जीवन के शुरुआती दिनों संबंधी मुख्य मंत्री ने कहा कि उनको इस बात का कोई अफसोस नहीं है कि उन को साढ़े चार साल की उम्र में अपने शाही जीवन को छोड़ कर बोर्डिंग स्कूल भेज दिया गया। उनके माता पिता मुल्क में आजादी उपरांत आए बदलाव के मद्देनजर उनको साधारण पालन -पोषण देना चाहते थे और वह जल्दी ही इस नये दौर का हिस्सा बन गए।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने राजनैतिक जीवन के अलावा खेल प्रति जुनून और फौज प्रति मोहब्बत बारे लम्बी चौड़ी बातचीत की जिस संबंधी उन की जीवनी में विस्तार में वर्णन किया गया। उनकी राय मुताबिक फौज और राजनीतिक मसलों में बहुत कुछ साझा होता है क्योंकि इन दोनों में उनकी पहुँच अनुसार निपुणता और ढंग इस्तेमाल किया जाता है।