वोडाफोन इंडिया के निदेशक (एक्सनर्ल अफेयर्स, सी.एस.आर) पी बालाजी का मानना है कि संगीत एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को जोड़ता है। जेनेसिस फाउंडेशन की ओर से शनिवार शाम को आयोजित 20वें 'सीईओज सिंग फॉर जीएफ किड्स' कार्यक्रम के दौरान अपनी बेटी नितिका के साथ कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले बालाजी का मानना है कि संगीत एक ऐसी कला है जो लोगों को जोड़ती है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिल की बीमारियों से जूझ रहे गरीब और अनाथ बच्चों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। जहां उन्होंने अपनी बेटी के साथ 'हवा के साथ-साथ' गीत गाकर समां बांध दिया।बालाजी ने आईएएनएस को बताया, "जब भी हमें मौका मिलता है, तो हम गाते हैं, संगीत व गाना एक जरिया है जो लोगों को जोड़ता है और अगर यह हमें एक ऐसे अच्छे काम से जोड़ सकता है, तो यह हमारी ओर से एक छोटा सा योगदान है। अगर काफी सारे नन्हें बच्चों की जान बच सकती है तो यह एक अच्छी बात है।" बालाजी ने कहा, "सभी को किसी न किसी तरह से इस तरह के नेक काम में योगदान देना चाहिए। " बालाजी प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया व स्किल इंडिया अभियान से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, " प्रधानमंत्री ने एक विजन रखा है हमारे देश के लिए चाहे वह स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया हो या चाहे डिजिटल इंडिया हो हम यहीं कहना चाहंगे कि उनका जो पूरा विजन है, उसे साकार करने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं।"
बालाजी ने इंजीनियरिंग और एमबीए की डिग्री ली है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले वह टाटा के लीडरशिप प्रोग्राम से जुड़े और वहां उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला। टेलीकॉम सेक्टर में उन्हें शुरुआत में थोड़ा संघर्ष देखना पड़ा, लेकिन बाद में लोगों का समर्थन मिलना शुरू हो गया। बालाजी ने कहा, "1990 के दशक में जब टेलीकॉम सेक्टर की शुरुआत हुई थी तो उस समय लोग कहते थे कि इस सेक्टर में कुछ रखा नहीं है, यह नया क्षेत्र है, लेकिन मुझे लगा कि यह एक विजन था टाटा ग्रुप का और सरकार का कि टेलीकॉम आगे जाकर देश के लिए बहुत कुछ करेगा उस समय में मैं जब इस सेक्टर से जुड़ा तो मुझे लगा कि हम भी कुछ नया बना रहे हैं और भारत में बदलाव आ सकता है। शुरुआत में थोड़ा संघर्ष करना पड़ा। शुरू में समस्याओं को अवसर के रूप में देखा और अवसर का फायदा उठाया। ऐसे ही करते-करते आज टेलीकॉम सेक्टर इतना बड़ा हो गया है कि इसने एक अरब लोगों को जोड़ दिया है।" युवाओं के लिए संदेश में उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पैशन को पूरा करने की कोशिश करनी चाहिए और शुरुआती दौर में में बहुत मेहनत करनी चाहिए और अपने जीवन के अनुभव से जितना सीख सकें सीखना चाहिए। अपना एक विजन रखना चाहिए कि पांच साल में क्या करना है या 10 साल में क्या करना है, जिससे वे अपना सपना सच कर सकें।