पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब की सीमा पर सिक्ख रेजीमेंट की 3 बटालियन के सैनिकों के साथ जैसे ही रेजीमेंट के 'बड़े खाने में शामिल हुए तो लगता थे कि समय अपने आप उस पुराने समय के हसीन दौर में पहुँच गया है। जैसे ही सैनिकों ने खुशियाँ मनानी शुरू की तो वह अपने पुराने समय के दौर में पहुँच गए जब वह बाकी सैनिकों की तरह एक सक्रिय फौजी थे। उन के सेना प्रति प्रेम ने ही उनको वापस सैनिकों में जाने के लिए मजबूर किया। उनका फौज प्रति प्रेम ही उन को अपनी आराम भरपूर जीवन छोड़ कर घर से दूर जा कर सैनिकों के साथ घुलने- मिलने और उनके साथ रात गुजारने के लिए प्रेरित करता है। इसी लिए ही उन्होंने पश्चिमी सैक्टर की किसी बियाबान जगह पर 70वें आजादी दिवस के अवसर पर सैनिकों के साथ रात गुजारी।पूरी तरह फौजी होने के नाते कैप्टन अमरिंदर सिंह अपने आप को एक सम्पूर्ण सेनिक कहते हैं। 75 साल की उम्र में भी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह चाहे एक युवा फौजी नहीं हैं परन्तु वह अभी भी पूरे दिल से एक फौजी ही हैं जिन का पहला प्यार सेना ही है। इस लिए ही उन्होंने 14 अगस्त, 2017 की रात सिक्ख बटालियन के सैनिकों के साथ गुजारने का समय चुना। एक फौजी अधिकारी होते हुए वह इसी बटालियन के साथ सम्बन्धित थे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए यह समय गत इतिहास में चले जाने जैसा था। उन्होंने दशकों बाद पहली बारी अपनी'नेता वाली छवि को परे रख कर वह इस बड़े खाने में शामिल हुए चाहे कि वह अपने मन से कभी भी इस से दूर भी न रहे। इस लगाव का कारण सिर्फ यही है कि वह हमेशा ही अपने मन से भारतीय सेना के साथ जुड़े रहे हैं चाहे कि वह अनेकों वर्षों से इस में सक्रिय नहीं हैं। एक फौजी इतिहासकार के तौर पर वह लगातार सेना के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपनी, बहुत सी लोकप्रिय किताबों में फौज के अनेकों तथ्यों को समल्लित किया है। इस लिए इस बात में हैरान होने वाली कोई भी बात नहीं है कि उन्होंने कभी भी अपने आप को फौज से दूर नहीं माना।न केवल मुख्यमंत्री के लिए बल्कि इस अवसर पर कैंप स्टेशन में जुड़े प्रत्येक फौजी के लिए यह एक खुशियोँ भरा अवसर था जो कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए एक रात का घर था। इस अवसर पर सैनिकों ने बैंड और भंगडें के साथ मौज मस्ती करने के इलावा मुख्यमंत्री के साथ बातचीत भी की जिसके बाद उन्होने मिलकर ही खाना खाया। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह बारे संक्षिप्त में जान -पहचान कराई गई और इस अवसर पर गतका भी हुआ। मुख्यमंत्री ने पूरी तरह अपने आप को इस समारोह में लीन कर लिया।इस अवसर पर एक फौजी ने कहा,'यह कई पक्षों से हमारे लिए एक विशेष दिन है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह अवसर हमारे लिए यादगारी बना दिया है।
एक भद्र पुरुष होने के नाते कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने के लिए यह एक विशेष मौका बनाने हेतू वहाँ के फौजियों को सेहरा दिया। उन्होने कहा,'मैं इस रात को कभी भी भूल नहीं सकता। इस ने मेरी उस समय की पुरानी यादों ताजा कर दीं हैं जब मैं इस रेजीमेंट का हिस्सा था परन्तु इस के साथ ही इस अवसर ने नयी यादों बुन दीं हैं जो हमेशा ही मेरे आखिरी साँसों तक मेरे दिल दिमाग में रहेंगी। 3 सिक्ख रेजीमेंट के फौजियों के लिए यह 'बड़ा खाना बहुत ही व्यस्तताओं भरा था। अंधेरे वाली रात में चमकते तारों के नीचे इकठ्ठे हुए फौजी अपने साथियों के साथ खुशी मना रहे थे और उनको बधाई दे रहे थे।इस मौके बटालियन के मौजूदा और बीते समय की बातें चलती रही और रात भर ठहाके लगते रहे। यह सारा सिलसिला प्रातकाल तक चलता रहा जो कि आजादी दिवस की 70वीं वर्षगांठ को समर्पित था।चाहे 15 अगस्त, 2017 का नया दिन चढऩे के लिए कई घंटे शेष थे परन्तु कैप्टन अमरिंदर सिंह तो स्पष्ट तौर पर इन पलों के लिए ही उपस्थित थे। उनके चेहरे पर खिल रही मुस्कान इस समय दौरान लगातार बढ़ती गई और भावनाओं को छुपाना कठिन हो गया था।