पंजाब सरकार 1897 को 12 सितम्बर वाले दिन हुई ऐतिहासिक सारागढ़ी जंग दे संदर्भ में 12 सितम्बर सारागढ़ी दिवस के तौर पर मनाऐगी।यह ऐलान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 3 सिक्ख रेजीमेंट के फौजियों को संबोधित करते हुए किया जहाँ वह आज आजादी दिवस के मौके पर अपनी रेजीमेंट के साथियों के साथ रात गुजारने गए हैं।12 सितम्बर, 2017 को फिरोजपुर जिले के सारागढ़ी गुरुद्वारा में राज्य स्तरीय समारोह मनाया जायेगा जिस की अध्यक्षता वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल करेंगे क्योंकि उस दिन मुख्यमंत्री लंदन में होंगे जहाँ वह सारागढ़ी जंग समारोह के हिस्से तौर पर सारागढ़ी बारे अपनी किताब रिलीज करेंगे।मुख्यमंत्री ने 12 सितम्बर को इस दिवस मौके राज्य स्तरीय छुट्टी करने का ऐलान किया है, जो इस साल से शुरू हो कर हर साल हुआ करेगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले मंत्रीमंडल ने इस साल अप्रैल में सारागढ़ी यादगार /गुरुद्वारा के प्रबंध का काम सारागढी यादगार प्रबंधक ट्रस्ट, फिरजपुर को प्रशासन का काम सौंपने का फैसला किया था जिससे इस ऐतिहासिक स्थान के बढिय़ा तरीके के साथ रखरखाव को यकीनी बनाया जा सके।
इस ट्रस्ट में फौज में सेवा करते फौजी, पूर्व फौजी शामिल किये गए हैं जिनको मंत्री मंडल ने फिरोजपुर जिले के फिरोजपुर छावनी में स्थापित इस ऐतिहासिक स्थान की संभाल के लिए सब से बढिय़ा माना है।कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह भी ऐलान किया था कि उन की सरकार 12 सितम्बर, 1897 को हुई ऐतिहासिक सारागढ़ी जंग बारे अपनी किताब का रिलीज समारोह मौके इस गुरूद्वारे की संभाल संभाल का काम ट्रस्ट के हवाले करने की इच्छा रखती है। इस तिथि पर हवलदार ईसर सिंह की कमांड अधीन 21 जवान और एक एन.सी.यो सैंकड़े कबालियों को मारने के बाद शहीद हो गए थे। इतना कबालियों ने सारागढ़ी की इस चौंकी पर हमला किया था।ब्रिटिश सरकार ने 21 फौजियों को शहीद करार दिया था जो कि 36 सिक्ख रेजीमेंट के साथ सम्बन्धित थे। इन को सब से ऊँचे जंगी सम्मान ''इंडियन आर्डर आफ मेरिट ग्रेड -॥ के साथ सन्मानित किया गया था। यह दिन हर साल 12 सितम्बर को गुरुद्वारा सारागढी साहिब में मनाया जाता है। इस के इलावा गुरबाणी और कीर्तन दरबार भी समय -समय सारागढी गुरुद्वारा में आयोजित करवाया जाता है।