पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज केन्द्र सरकार को वित्तीय जिम्मेवारी और बजट प्रंबध (एफ आर बी एम) एक्ट 2003 में ढील देने और ऋणसीमा बढ़ाने की अपील की ताकि राज्य सरकार कृषि ऋण माफी संबंधी अपनी वचनबद्धता को पूरा कर सके।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेतली से यहां भिन्न भिन्न मीटिंगों के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्तीय संकट की सहायता के लिए इन कदमों पर तुंरत गौर करने के लिए उनके दखल की मांग की। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय वित्त मंत्री को दस हजार करोड़ रूपये तक ऋण सीमा बढ़ाने के लिए कहा जो राज्य सरकार के लिए ऋण माफी/ राहत स्कीम के लिए और ऋण लेने के लिए सहायक होगा। इसका मकसद कर्ज में डूबे किसानों की सहायता करना है क्योकि घोर के बैचेनी के आलम में गुजर रहे किसान आत्महत्या जेैसा राह अपना रहे हैं।मुख्यमंत्री ने बाद में उम्मीद व्यक्त की कि पंजाब के किसानों को कर्जे के संकट में से निकालने के लिए राज्य की मदद हेतू केन्द्र सरकार साकारात्मक समर्थन देगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इन बैठकों के दौरान बताया कि उनकी सरकार के सभी छोटे और मध्यम किसानों के लिए दो लाख रूपये तक का फसली कर्जा माफ किया है। जबकि दो लाख रूपये से अधिक ऋण वाले माध्यम किसानों को दो लाख रूपये तक की कर्जा राहत दी जा सकती है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने आत्महत्या पीडि़त परिवारों का समूचा कर्जा अपने सिर लेने का फैसला किया है।मुख्यमंत्री ने बताया कि कुल 10.25 किसान परिवार लाभपात्री है जिनके लिए यह स्कीम लागू करने हेतू 9500 करोड़ रूपये की जरूरत है। उन्होने आगे कहा कि मौजूदा वार्षिक ऋण की सीमा (कुल राज्यीय घरेलू उत्पाद)जीएसटीपी की तीन प्रतिशत है जो 12,819 करोड़ रूपये बनता हेै। जिसके साथ 10,273 करोड़ रूपये की गैप राजस्व और खर्चे में रह जाता है।इसलिए राज्य सरकार को कर्जा माफ स्कीम के फंडों के लिए अतिरिक्त ऋण उठाने की जरूरत है। क ेन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ बैठक के दौरान वित्त मंत्री पंजाब मनप्रीत सिंह बादल और कुछ अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।