संसद सदस्य डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर हस्तनिर्मित पश्मीना शालों की कलात्मक रचनाओं से जाना जाता है लेकिन इस उद्योग को मशीनों द्वारा बनाये गये उत्पादों की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने यह बात बुनकर सेवा केन्द्र द्वारा आयोजित राश्ट्रीय हथकर्घा दिवस पर सम्बोधित करते हुए कही।उन्होंने कहा कि राज्य के कारीगर अच्छे पश्मीना कानी जामावाद तथा पश्मीना शालों के उत्पादन के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि पश्मीना उद्योग राज्य के लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है तथा यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि इस विरासतीय उद्योग की रक्षा की जाये। सांसद ने कहा कि हम पश्मीना उद्योग के विकास तथा इसको सुरक्शित करने के लिए सभी मुमकिन कोशिशें की जाएंगी।इससे पूर्व बुनकर सेवा केन्द्र श्रीनगर के अधिकारियों ने कहा कि केन्द्र तथा राज्य सरकार हथकर्घा क्शेत्र के विकास के लिए संजीदा है क्योंकि कृशि के बाद यह देश का दूसरा मुख्य रोजगार प्रदान करने वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि राश्ट्रीय हथकर्घा विकास कार्यक्रम को हथकर्घा बुनकरों के सम्पूर्ण विकास के लिए शुरू किया गया है ताकि वह मशीनी उत्पादों के साथ बराबरी कर सकें।संयुक्त निदेशक हथकर्घा विकास कश्मीर, उपनिदेशक हथकर्घा तथा सहायक निदेशक बुनकर सेवा केन्द्र श्रीनगर ने इस अवसर पर राज्य में हथकर्घा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं पर रोशनी डाली।