वन एवं पर्यावरण मंत्री चौधरी लाल सिंह ने आज 68वें वन महोत्सव के तहत लोगेट मोड, राजबाग के राश्ट्रीय राजमार्ग तथा डिग्री कालेज कठुआ में पौधारोपण अभियान शुरू करवाया।मुख्य वन संरक्षक रवि केसर, जिला विकासायुक्त रामेश कुमार, एसएसपी सुलेमान चौधरी, मुख्य वन जीव वार्डन मनोज पंत, अतिरिक्त वन संरक्षक रोशन जग्गी, निदेशक पर्यावरण ओपी शर्मा, निदेशक सोशल फारेस्ट्री ए. के. गुप्ता, मुख्य वन संरक्शक फारूक गिलानी, निदेशक वन सुरक्शा सेना आसिफ सागर, प्रबंधन निदेशक एसएफसी सुरेश गुप्ता, निदेशक एसएआरआई बी. एन. शर्मा तथा वन विभाग के अन्य वरिश्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।इस अवसर बोलते हुए लाल सिंह ने कहा कि वन न केवल धरती पर जीवन का संतुलन बनाये रखते है बल्कि यह कृशि के उत्पादन में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। उन्होंने कहा कि यह हम सब कि जिम्मेदारी है कि हम बरसात के मौसम में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाये तथा वन विभाग इस कार्य के लिए लोगों को पौधे उपलब्ध करवायेगा।मंत्री ने सोशल फारेस्ट्री के निदेशक को निर्देश देते हुए कहा कि वे सरकारी संस्थानों के आस पास, गलियों तथा कस्बों में कार्बन के फैलाव को रोकने हेतु ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाये।
वन विभाग के महत्वŸाा को बताते हुए मंत्री ने सूचित किया कि पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड सभी औपचारिकाताओं को पूरा करके जल्द ही ऑन लाईन पर्यावरण प्रमाणपत्र उपलब्ध करवायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य वन निगम पूरे वर्श राज्य के सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लकडी उपलब्ध करवाता है तथा उन्होंने घोशणा की कि जसरोटा में भी जल्द लकडी का डिपो होगा।इसके पश्चात मंत्री ने जसरोटा की वन्य जीव अभयारण्य के रास्ते की मुरम्मत का नींव पत्थर रखा जोकि 73.34 लाख रु की लागत से पूरा होगा। लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस स्थान धार्मिक महत्व है तथा इस रास्ते के पूरा होने पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री ने कहा कि वन विभाग ने कई अन्य कार्यों का जिम्मा लिया है जैसे कि मंदिर का नवीनीकरण, तालाबों की बहाली तथा जसरोटा वन जीवन अभयारण्य में विभिन्न प्रकार के पेड़ लगाना शामिल है जिससे इस प्राचीन सुन्दरता को पुनर्जीवित किया जायेगा।मंत्री ने जसरोटा में वन आग नियंत्रण कक्ष का भी उद्घाटन किया।मुख्य वन संरक्षक ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि वन विभाग लखनपुर से लेकर लेह तक हरि सूरंग का निर्माण करेगा जिसमें फलों, चिकित्सा पौधे तथा लकड़ी उपलब्ध करवाने वाले पेड़ शामिल है। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव के अंतर्गत पूरे संभाग में पौधारोपण अभियान चलाया जायेगा जिससे कि वनों के कटने से होने वाले हानिकारक परिणामों तथा ग्लोबल वार्मिंग से बचा जा सकेगा।