आवास एवं शहरी विकास, समाज कल्याण तथा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्यमंत्री आसिया नकाश ने आज कहा कि हमें जम्मू तथा कश्मीर को खुले में शौच मुक्त बनाने हेतु प्रयास करने चाहिए ताकि राज्य के लोग स्वस्थ रह सकें। मंत्री ने यह बात एसकेआईसीसी में शहरी स्थानीय निकाय कश्मीर निदेशालय द्वारा आयोजित ‘खुला शौच मुक्त प्रमाणन’ पर 1 दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कही।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने शहरी जनसंख्या की रोजमरा की गतिविधियों को लेकर ठोस कचरा प्रबंधन, शहरी यातायात प्रबंधन तथा प्रभावी निकासी व्यवस्था को तय समय सीमा में लागू करने के लिए विस्तृत योजनाऐं बनाई हैं।
उन्होंने कहा कि शहरी लोगों के लिए इस तरह की योजनाओं में से एक योजना स्वच्छ भारत मिशन हैं तथा इस योजना का पहला अंश का लक्ष्य प्रत्येक घर के लिए शौचालय, समुदायिक शौचालयों तथा सार्वजनिक शौचालयों को स्थापित कर शहरों तथा कस्बों को खुले में शौच मुक्त बनाना है। उपलब्ध आंकड़े की जानकारी देते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों, जो खुले का प्रयोग कर रहे हैं, से सम्बंधित प्रारम्भिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं परंतु विभाग से बाद के आंकड़ों के अनुसार 94091 शौचालयों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके अनुसार निर्माण के लिए 78235 आवेदनों को प्राप्त किया गया है तथा 33987 को स्वीकृति दी जा चुकी है।
शेश बचे 450900 पर जांच चल रही है। कार्यशाला के लक्ष्य को बताते हुए नकाश ने कहा कि हमें विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रमाणित पूर्व निर्धारित पैरामीटर के भीतर योजना के असर के अनुसार निर्णय लेना चाहिए। नकाश ने कार्यशाला के आयोजन हेतु शहरी स्थानीय निकाय कश्मीर द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना करते हुए बल दिया कि अधिकारियों को शहरों को खुले में शौच मुक्त बनाने हेतु केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार विस्तृत योजनाओं को शुरू करने के लिए मिलकर कार्य करना होगा।