पंजाब में अब किसानों के बाद ट्रक आप्रेटर भी सुसाइड की राह पर चल पड़े हैं, हमारे प्रदेश के लिए अशुभसंकेत है। यह कहना है भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव विनीत जोशी का, जो कि आज चंडीगढ़ में पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर द्वारा अपना चुनावी वायदा पूरा कर बेरोजगारों को रोजगार देना तो दूर उलटा जो लोग अपनी मेहनत से ट्रक चला रहे हैं, ट्रक यूनियनें भंग कर उन्हें बेरोजगार कर दिया है। जिनका ट्रक है उनकी कमाई बंद हुई, जिनको ड्राइवर की नौकरी मिली हुई थी वह बेरोजगार हुए और तो और बैंक व प्राइवेट फाइनांस कम्पनियों की किश्तें भी बंद हो गई। यह कैसा निर्णय है, जिसमें सभी को नुकसान है। ट्रक मालिक बुरी तरह फंस चुके हैं और जिसका डर था वहीं हुआ, ट्रक आप्रेटर भी किसानों की राह पर चल आत्महत्या करने लगे।
लहरागागा के गांव खाई के 52 वर्षीय ट्रक आप्रेटर अमरीक सिंह द्वारा आत्महत्या इस बात की पुष्टि करती है। जिस तरह 19 जून शाम को कैप्टन अमरिंदर द्वारा पूर्ण कर्जा माफी की असमर्थता दिखाते हुए विधानसभा में अधूरी कर्ज माफी की घोषणा सुन गुरदासपुर का किसान जो कि पूर्ण कर्जा माफी की आस में बैठा था, ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली, उसी तरह जब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्रक यूनियनों से मीङ्क्षटग में स्पष्ट कर दिया कि यूनियनों को भंग करने का निर्णय वापिस नहीं होगा, तो टी.वी. पर सुन अमरीक सिंह टूट गया, इतना निराश हो गया कि आत्महत्या कर ली। जोशी ने मुख्यमंत्री से अपील की कि ट्रक यूनियन को भंग करने का निर्णय तुरंत वापिस लें, क्योंकि जिस तरह लहरागागा में ट्रक आप्रेटर ने आत्महत्या की इससे डर है कि कहीं बाकी के ट्रक आप्रेटर भी किसानों की तरह खुदकुशी की राह पर न चल पड़ें।