पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा आज इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस में इंडियन हैरीटेज एसोसिएशन के साथ विशेष विचारविमर्श सम्मेलन करवाया गया जिसका उद्घाटन पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक श्री वी पी सिंह बदनौर और पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा किया गया। इस अवसर पर संबोधित करते हुये श्री वी पी सिंह बदनौर ने पंजाब सरकार के इस प्रयास की सराहना करते हुये कहा कि आज जरूरत है कि सरकार ऐसे विलक्षण कदम उठाये जिससे पंजाब के विरासती पर्यटन को बड़ा प्रौत्साहन मिल सके । उन्होंने एसोसिएशन का आह्वान किया कि वह पंजाब की अमीर विरासतों को संभालकर इनको सैलानियों के लिये आकर्षण का केंद्र बनायें।श्री बदनौर ने पंजाब के पर्यटन मंत्री स. सिद्धू के जनून और सूझबूझ की तारीफ करते हुये कहा कि उन्होंने पंजाब के विरासती पर्यटन को प्रौत्साहन देने के लिये यह पूरी व्यापक योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के साथ इस संबंधी भी विस्तार में विचार विमर्श होगा कि सांस्कृतिक एवं पर्यटन के द्वारा कैसे पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के संसाधन जुटाये जा सकें। इसके लिये कैसे ढंग तरीके अपनाये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब आगामी समय में विरासती पर्यटन में बड़ा नाम बनेगा और यहां स्थित विरासती ईमारतों स्वरूप बहुत संभावनांए हैं। उन्होंने कहा कि शंभू सराय जैसे स्थानों पर विवाह शादी के समागम करवाने बहुत बढिय़ा विचार होगा।
इससे पूर्व संबोधित करते हुये पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों संबंधी मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब ने प्रत्येक क्षेत्र में देश का नेतृत्व किया है और अब समय आ गया है कि पर्यटन क्षेत्र में भी पंजाब देश का अग्रणीय राज्य बने। इस दिशा में पंजाब सरकार हर संभव यत्न करेगी कि यहां की अमीर विरासत, संस्कृति, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों को सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जाये। उन्होंने कहा कि पंजाब के राज्यपाल श्री वी.पी.सिंह बदनौर के विशेष सहयोग और मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का नेतृत्व और दिशा निर्देशों स्वरूप संभव हुई इस ऐतिहासिक सम्मेलन का मकसद पंजाब में मौजूद विरसाती पर्यटन की संभावनाओं को उजागर करना है।स. सिद्धू ने कहा कि पंजाब राज्य में पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता है कि दुनिया भर के सैलानियों को यहां आकर्षित किया जाये। उन्होंने कहा कि आइफल टॉवर (पैरिस) और ताजमहल (आगरा) में रोज़ाना आते सैलानियों की अपेक्षा कई गुणा श्रद्धालू रोजाना दरबार साहिब अमृतसर आते हैं। उन्होंने कहा कि विभाग संस्कृतिक नीति के साथ ऐसी व्यापक पर्यटन नीति बना रहा है जिससेपंजाब आते सैलानियों को विभिन्न सर्किटों द्वारा विशेष सुविधांए देकर और सैलानियों को आकर्षित किया जायेगा। स. सिद्धू ने पंजाब को पर्यटन और सांस्कृतिक पक्ष से अग्रणीय बनाने की पैरवी करते हुये कहा कि अब समय आ गया है कि ‘ब्रांड पंजाब’ विश्व स्तर पर उभर कर सामने आयेगा।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में प्रवासी भारतीय सबसे अहम होंगे। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के कोने-कोने में बसे पंजाबियों की रूह अभी भी पंजाब में बसती है और यदि उन्होंनेको यहा थोड़ी बहुत सुविधा देकर बुलाया जाये तो बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय पंजाब के साथ जुडऩा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ऐसी पर्यटन नीति बना रही है जिस में प्रवासी भारतीयों को उन्होंनेकी जड़ों के साथ जुडऩे का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन पूरे राज्य की आर्थिकता को बड़ा प्रौत्साहन देने का सामथ्र्य रखता है जिसको सिफऱ पहचान कर अमली जामा पहनाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि कई राज्य और देश सिर्फ पर्यटन पर चलते हैं जहां पंजाब की अपेक्षा कम पर्यटन स्थल हैं जबकि पंजाब इस क्षेत्र में असीम क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन राज्य के नौजवानों के लिए रोजग़ार के अनेकों साधन पैदा करेगा जिस के साथ पंजाब का नौजवान अपने पैरों सिर खडा होगा।स. सिद्धू ने कहा कि चार सर्कट के द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों के सैलानियों को आकर्षित किया जायेगा। यह महाराजा सर्कट, मुग़ल सर्कट, सूफ़ी सर्कट और धार्मिक सर्कट है जो विरासती, ऐतिहासिक और धार्मिक सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। उन्होंने आगे इस संबंधी विस्तार में जानकारी देते बताया कि धार्मिक सर्कट में राज्य में स्थित तीन तख्त साहिबान (श्री अकाल तख्त अमृतसर, श्री केशगढ़ साहिब, श्री आनन्दपुर साहब और दमदमा साहब, तलवंडी साबो) फतेहगढ़ साहब, चमकौर साहब को जोड़ा जायेगा। इसी तरह महाराजा सर्कट में पटियाला स्थित किला मुबारक, शीश महल, बठिंडा किला, दरबार हाल संगरूर, महाराजा जगतजीत पैलस व बघ्घी खाना कपूरथला को जोड़ा जाएगा। मुगल सर्कट में पंजाब भीतर स्थित विभिन्न सराओं जैसे कि शंभू, दोराहा, नकोदर, नूरमहल, बादशाह अकबर की ताजपोश़ी वाला स्थान कलानौर को जोडा जाएगा। सूफी सर्कट तहत रोज़ा शरीफ सरहिंद, बाबा शेख फरीद से जुड़ी फरीदकोट में स्थानों को जोडऩे के साथ बाबा बुल्ले शाह की विरासत के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब भीतर स्थित विभिन्न किलों को विवाह समारोह के लिए इस्तेमाल किए जाने और आम खास बाग सरहिंद जैसे हृदय को छू जाने वाले स्थानों में सैलानियों के लिए टैंट रिहायश का प्रबंध करने संबंधी विचार हो रहा है।
इससे पहले विभाग के प्रमुख सचिव श्री जसपाल सिंह ने पर्यटन नीति बनाने के लिए तैयार किए जा रहे प्रारूप को पॉवर प्वांइट प्रस्तुति से विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों संबंधी प्रकाश डाला। पंजाब स्थित विरासती इमारतों की संभाल के लिए कार्य कर रही कंसलटैंट आभा नारायण लांबा ने हृदय को छू जाने वाली पेशकारी दिखाते हुए पंजाब भीतर स्थित धार्मिक, ऐतिहासिक, विरासती इमारतें दिखाईं जहां सैलानियों को ओर बड़ी संख्या में आने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। पूरे समारोह का मंच संचालन कर रहे विभाग के निदेशक श्री शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने साथ ही साथ पंजाब अंदर पर्यटन के नज़रिए से महत्वपूर्ण स्थानों की विलक्षणताओं संबंधी प्रकाश डाला और पटियाला स्थित विरासती इमारतों संबंधी दिलचस्प तथ्य बताए।
लार्ड दलजीत राणा ने उत्तरी ऑयरलैंड बारे अपनी प्रस्तुति देेते बताया कि जितनी यहां की कुल आबादी है, उससे दोगुने सैलानी यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन उत्तरी ऑयरलैंड की आर्थिकता का केन्द्र है। इंडियन हैरिटेज होटल एसोसिएशन के ऑनरेरी महा सचिव ठाकुर रणधीर विक्रम सिंह ने देश भीतर मौजूद हैरिटेज होटलों संबंधी जानकारी दी तथा इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पंजाब सरकार ने इस क्षेत्र में विशेष रूचि दिखाते जहां अपने समृद्ध विरसे को संभालने के लिए प्रयास किया है वहीं सैलानियों को आकर्षित करने के लिए व्यापक पर्यटन नीति तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक पंजाब में एक भी हैरिटेज होटल नहीं है जबकि देश के कई राज्यों में हैरिटेज होटल सफलतापूर्वक चल रहे हैं। नीमराना होटल के सी एम डी श्री अमन नाथ ने पंजाब की समृद्ध विरासत बताते कहा कि पंजाबियों को अपनी पहचान गर्व से बतानी चाहिए और यही विरासत पर्यटन क्षेत्र में पंजाब का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम रौशन करेगी।इससे पहले इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस के डीन श्री राजेंद्र श्रीवास्तव ने मेहमानों का स्वागत किया एवं इस सम्मेलन को ऐतिहासिक पल बताया।