वित्त,श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ हसीब द्राबु ने राज्य में जीएसटी व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने हेतु आज विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया। डॉ द्राबु के प्रस्ताव में कहा गया है कि यह सदन प्रस्तावित करता है कि जम्मू व कश्मीर सरकार भारत के संविधान में किए गए प्रासंगिक संशोधन के आवेदन से जीएसटी शासन को, जम्मू व कश्मीर के मौजूदा विशेष संवैधानिक स्थिति को संरक्षित रखते हुए भारतीय संघ में और जम्मू कश्मीर के संविधान के तहत विधायी शक्तियों की रक्षा करने के लिए, अपनाने की सहमति दे सकती है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों तथा सूचना मंत्री चौ, जुल्फिकार अली ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। जीएसटी के महत्व तथा लाभों को उजागर करते हुए विŸा मंत्री ने कहा कि जम्मू व कश्मीर, जिसका अपने संविधान के चलते विशेश दर्जा है, को छोड़कर पूरे देश मे नई कर व्यवस्था शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि यह जम्मू कश्मीर तथा सभी हितधारकों के हितों के लिए है। डॉ द्राबु ने सदन के समर्थन की मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पूरी संजीदगी के साथ जम्मू कश्मीर विधानसभा में जीएसटी को लाने के मुद्दे को रखा है। उन्होंने कहा कि संविधान के मुद्दों पर विधायकों द्वारा बहस की जानी चाहिए। यह हमारे लोकतंत्र का आधार बनना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2002 से पूरे देशभर में नये कर शासन पर चर्चा होती रही है तथा जम्मू कश्मीर सरकार भी केवल इस प्रक्रिया का हिस्सा बन रहा है जिसमें सत्ता में रहते हुए विपक्षी नेशनल कान्फ्रैंस ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में जम्मू व कश्मीर का एक विशेष दर्जा है, और राज्य में संवैधानिक संशोधन का विस्तार करने की एक निश्चित प्रक्रिया है। हमारा इरादा मसौदा कानून पर पूरी तरह से बहस करना है ताकि इसो संबंधित सभी पहलुओं को स्पश्ट किया जा सके। यह सिर्फ मंत्रिमंडल ही नहीं है, जो निर्णय ले सकता है, बल्कि विधायिका की इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। डॉ द्राबु ने कहा कि राज्य सरकार ने जम्मू कश्मीर में जीएसटी लागू करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसका अनुपालन जीएसटी पर सर्वदलीय सलाहकार समूह की तीन बैठकों द्वारा किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘हम संजीदा हैं और कोई कुटिल योजना नहीं है, लेकिन सब कुछ सरकार के पास नहीं हैं और इस सदन में कई जानकार विधायक हैं जो इस महत्वपूर्ण कानून पर काफी योगदान दे सकते हैं। डॉ द्राबु ने बल देते हुए कहा कि सरकार इस बात पर भरोसा रखती है कि प्रत्येक विधायक को अपने विचारों तथा सुझावों को रखने का बराबर अधिकार है। हम इस सदन, जो देश में सबसे सशक्त विधानमंडल है, में उठने वाली सभी शांकाओं को दूर करने का प्रयास करेंगे।